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5 November 2017

सर्वनाम और भेद।

सर्वनाम :
सर्वनाम  सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ है सबका नाम अर्थात जो शब्द सबके नामों के स्थान पर प्रयुक्त होते हे या हो सकते है, उन्हें सर्वनाम कहते है। दूसरे शब्दों में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते है।

सर्वनाम के भेद : –
सर्वनाम के छ: भेद होते है:
  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  5. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम – बोलने वाला अपने लिए, सुननेवाला अपने लिए, और किसी अन्य व्यक्ति के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है  पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते है। अन्य शब्दों में किसी भी प्रसंग में वक्त के सामने तीन प्रकार के पुरुष आते है,  पहला वह स्वयं। दूसरा – सुनने वाला। तीसरा अन्य व्यक्ति
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते है:
उत्तम पुरुष   वक्त या लेखक जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने  लिए करता है। उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है,   जैसे – मैं, हम, मेरा, हमारा, मुझको
माध्यम पुरुष – वक्त या लेखक जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले के लिए करता है। उन्हें मध्यम पुरुष वाचक सर्वनाम  कहते है। जैसे – तू , तुम, आप, तुम्हारा, तुझको
अन्य पुरुष – वक्ता या लेखक किसी अन्य अर्थात किसी दूरस्थ व्यक्ति के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है।  उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे – वह, वे, यह, ये

निश्चयवाचक सर्वनाम –
 किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु, घटना के लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है।
जैसे : –
  1. मेरा घर यह नहीं, वह है।
  2. इस घडी को देखो, यह कितनी उपयोगी है।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम – किसी अनिश्चित व्यक्ति, वस्तु या घटना के लिए प्रयुक्त होने वाले संयुक्त अनिश्चित वाचक सर्वनाम कहलाते है।
जैसे :-
  1. शायद दरवाजे पर कोई है।
  2. बाजार से कुछ लेते आओ।
प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनामों से किसी व्यक्ति, वस्तु  अदि के बारे में प्रश्नबोध हो , उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है।
जैसे :-
  1. यहाँ से किताब किसने उठाई ?
  2. उसके साथ कौन गया है ?
सम्बन्धवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से दो वस्तुओं स्थ्वा व्यक्तियों का परिस्परिक सम्बन्ध प्रकट होता है अथवा जो प्रधान वाक्य से आश्रित वाक्य का सम्बन्ध जोड़ते है उन्हें संबन्ध सर्वनाम कहते है।
जैसे :-
  1. जिसको देखो वही धन कमाने में लगा है।
  2. जिस पर बीतती है वही जनता है।
निजवाचक सर्वनाम – वक्ता या लेखक स्वयं अपने लिए जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करते है ,उन्हें निज वाचक सर्वनाम कहते है।  अन्य शब्दों में जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने आप का बोध कराने के लिए होता है उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।
जैसे :-
  1. मैं यह काम स्वयं कर लूंगा।
  2. आप स्वयं इसका हल निकालें।
विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे गए सर्वनाम के वस्तुनिष्ट प्रश्न उत्तर :
किस वाक्य में निजवाचक सर्वनाम हुआ है ?
  1. आप भला तो जग भला
  2. यह मेरी निजी पुस्तक है
  3. आज अपनापन कहाँ है
  4. अपनों से क्या छिपाना
” मुझे ” किस प्रकार सर्वनाम है ?
  1. मध्यम पुरुष
  2. उत्तम पुरुष
  3. अन्य पुरुष
  4. उपयुक्त में से कोई नहीं
तुम्हे क्या चाहिए रेखांकित का सर्वनाम भेद है ?
  1. निजवाचक सर्वनाम
  2. संबंधवाचक सर्वनाम
  3. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  4. निश्चयवाचक सर्वनाम
जिसको देखो वही धन कमाने में लगा है।
  1. निजवाचक सर्वनाम
  2. संम्बंधवाचक सर्वनाम
  3. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
हमारे देश में क्या हो रहा है ?
  1. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  2. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  3. निश्चयवाचक सर्वनाम
  4. अनिचयवाचक सर्वनाम
आप स्वयं इसका हल निकाले ?
  1. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  2. निजवाचक सर्वनाम
  3. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
सर्वनाम के कितने भेद होते है ?
  1. पाँच
  2. छः
  3. आठ
  4. सात
इनमे से अनिश्चितवाचक वाचक सर्वनाम कौन सा है ?
  1. कौन
  2. जो
  3. कोई
  4. वह
कोई आ गया तो क्या करोगे ?
  1. निश्चयवाचक  सर्वनाम
  2. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  3. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  4. निजवाचक  सर्वनाम
यह मेरी पुस्तक है ?
  1. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  4. प्रश्नवाचक सर्वनाम

2 comments:

  1. आप भला तो जग भला में कौनसा सर्वनाम हैं?

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  2. निजवाचक सर्वनाम

    ReplyDelete

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