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5 November 2017

भारत की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक राज्य।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है। भारतीय कृषि यहाँ की अर्थव्यवस्था, मानव-बसाव तथा यहाँ के सामाजिक-सांस्कृतिक ढांचे एवं स्वरूप की आज भी आधारशिला बनी हुई है। देश की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या की कृषि-कार्यो में संलग्नता तथा कुल राष्ट्रीय आय के लगभग 27.4 प्रतिशत भाग के स्रोत के रूप में कृषि महत्त्वपूर्ण हो गयी है। देश के कुल निर्यात में कृषि का योगदान 18 प्रतिशत है।


भारत की प्रमुख फसलों के नाम एवं सर्वाधिक उत्पादक राज्यों की सूची:
भारत की प्रमुख फसलों के नाम सर्वाधिक उत्पादक राज्यों के नाम
चावल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, बिहार और पंजाब
गेंहू उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान
ज्वार महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान
बाजरा गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश
दलहन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश
तिलहन मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा
जौ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब
गन्ना उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब
मूंगफली गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
चाय असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश
कहवा कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र
कपास महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश
रबड़ केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह
पटसन पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा और उत्तर प्रदेश
तम्बाकू आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु
काली मिर्च केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी
हल्दी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बिहार
काजू केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश

भारतीय कृषि एक ऐसा आधार है, जिस पर देश के 5.5 लाख से भी अधिक गाँवों में निवास करनी वाली 75 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका प्राप्त करती है। 1960 के बाद देश में कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया।
भारत की खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में:-

भारतीय कृषि से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य:

    भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51 फीसदी भाग पर कृषि, 4 फ़ीसदी पर चरागाह, लगभग 21 फीसदी पर वन और 24 फीसदी बंजर और बिना उपयोग की है।
    देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 52 फीसदी भाग कृषि और इससे सम्बंधित उद्योग और धंधों से अपनी आजीविका चलता है।
    2004-2005 में भारत के निर्यात में कृषि और सम्बंधित वस्तुओं कानुपात लगभग 40 फीसदी रहा।
    विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। भारत में खाद्यान्नों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के करीब 47 फीसदी भाग पर चावल की खेती की जाती है।

    विश्व में गेंहू उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। देश की कुल कृषि योग्य जमीन के लगभग 15 फीसदी भाग पर गेंहू की खेती की जाती है।
    देश में गेंहू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का प्रथम स्थान है।
    हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेंहू और चावल की कृषि पर पड़ा है, परंतु चावल की तुलना गेंहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई।
    भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1967-1968 में हुई।
    प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-1984 में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश और किसानों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ।
    तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 में हुई।
    भारत विश्व में उर्वरक (फर्टिलाइजर) का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है।
    पोटाशियम फर्टिलाइजर का पूरी तरह आयात किया जाता है।
    आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान पहला है।
    फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में दूसरा है।

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