देश में बीएड के लिए एक एग्जाम!
शिमला शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य कोर्स बीएड में प्रवेश की प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी
की जा रही है। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने देश के सरकारी और निजी बीएड
कालेजों में दाखिले के लिए देश भर में एक ही प्रवेश परीक्षा करवाने का सुझाव दिया है। अब अगर इस
सुझाव को स्वीकृति मिलती है तो इससे बीएड कोर्स में प्रवेश की राह कठिन हो जाएगी। एनसीटीई के
इस सुझाव के बाद केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा गठित सिद्दीकी कमेटी ने भी इस
फैसले की अनुशंसा की है। इसके बाद इस पर विचार-विमर्श हो रहा है। कमेटी ने इस परीक्षा को नेशनल
एंट्रेंस एग्जामिनेशन फार टीचर एजुकेशन के तहत करवाने का सुझाव दिया है। इसमें प्रवेश परीक्षा के लिए
50 फीसदी अंक रखने की बात भी कमेटी ने की है। कमेटी ने देश भर में करवाई जाने वाली बीएड प्रवेश
परीक्षा को आदर्श शिक्षक बनाने के लिए अहम बताया है। कमेटी ने रिपोर्ट में अध्यापकों के
प्रशिक्षण से लेकर अध्ययन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी सुझाव दिए हैं। यही नहीं, बीएड की
अवधि भी बढ़ाने की बात कही गई है। रिपोर्ट पर मंत्रालय विचार कर रहा है, अगर कमेटी की
सिफारिशों पर निर्णय लिया जाता है तो एआईपीएमटी की तर्ज पर ही देश भर में बीएड के लिए भी
एक ही प्रवेश परीक्षा सभी राज्यों को लेनी होगी।
राज्य अपने स्तर पर करवा रहे परीक्षा
बीएड के लिए देश भर में सभी राज्य अपने-अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षाएं करवा रहे हैं। प्रदेश में दो वर्षीय
बीएड के लिए करीब 74 कालेज चल रहे हैं। बीएड की अवधि दो वर्ष होने से पहले ही इस कोर्स में प्रवेश
पाने वाले छात्रों की रुचि घटी है। अब अगर प्रवेश प्रक्रिया आल इंडिया स्तर पर होगी तो इससे प्रवेश
पाने वाले छात्रों का आंकड़ा और घट सकता है।
शिमला शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य कोर्स बीएड में प्रवेश की प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी
की जा रही है। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने देश के सरकारी और निजी बीएड
कालेजों में दाखिले के लिए देश भर में एक ही प्रवेश परीक्षा करवाने का सुझाव दिया है। अब अगर इस
सुझाव को स्वीकृति मिलती है तो इससे बीएड कोर्स में प्रवेश की राह कठिन हो जाएगी। एनसीटीई के
इस सुझाव के बाद केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा गठित सिद्दीकी कमेटी ने भी इस
फैसले की अनुशंसा की है। इसके बाद इस पर विचार-विमर्श हो रहा है। कमेटी ने इस परीक्षा को नेशनल
एंट्रेंस एग्जामिनेशन फार टीचर एजुकेशन के तहत करवाने का सुझाव दिया है। इसमें प्रवेश परीक्षा के लिए
50 फीसदी अंक रखने की बात भी कमेटी ने की है। कमेटी ने देश भर में करवाई जाने वाली बीएड प्रवेश
परीक्षा को आदर्श शिक्षक बनाने के लिए अहम बताया है। कमेटी ने रिपोर्ट में अध्यापकों के
प्रशिक्षण से लेकर अध्ययन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी सुझाव दिए हैं। यही नहीं, बीएड की
अवधि भी बढ़ाने की बात कही गई है। रिपोर्ट पर मंत्रालय विचार कर रहा है, अगर कमेटी की
सिफारिशों पर निर्णय लिया जाता है तो एआईपीएमटी की तर्ज पर ही देश भर में बीएड के लिए भी
एक ही प्रवेश परीक्षा सभी राज्यों को लेनी होगी।
राज्य अपने स्तर पर करवा रहे परीक्षा
बीएड के लिए देश भर में सभी राज्य अपने-अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षाएं करवा रहे हैं। प्रदेश में दो वर्षीय
बीएड के लिए करीब 74 कालेज चल रहे हैं। बीएड की अवधि दो वर्ष होने से पहले ही इस कोर्स में प्रवेश
पाने वाले छात्रों की रुचि घटी है। अब अगर प्रवेश प्रक्रिया आल इंडिया स्तर पर होगी तो इससे प्रवेश
पाने वाले छात्रों का आंकड़ा और घट सकता है।
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