भारत स्टेज (बीएस) मानक क्या है?
इस
उत्सर्जन मानक द्वारा मोटर वाहनों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की
मात्रा की व्याख्या की जाती है. भारत में इससे पहले भारत स्टेज (बीएस)-2,
बीएस-3 और बीएस-4 के वाहन चलते रहे हैं लेकिन अब बीएस-5 प्रणाली अपनाए बिना
बीएस-6 को अपनाया जायेगा. बीएस प्रणाली के साथ अंकों का अर्थ उसकी क्षमता
से है. इसमें जितनी बड़ी संख्या होती है, उतना ही कम प्रदूषण होता है. यह
सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक मानक पिछले मानक की तुलना में बेहतर
परफॉर्म करे.
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2018 को निर्देश जारी करते हुए कहा कि देशभर में 01 अप्रैल 2020 से भारत स्टेज-4 (बीएस-4) श्रेणी के वाहन नहीं बेचे जाएंगे न ही इनका पंजीकरण होगा.
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक वे मानक हैं जो सरकार ने मोटर वाहनों से पर्यावरण में होने वाले प्रदूषक तत्वों के नियमन के लिए बनाए हैं. भारत स्टेज-6 (या बीएस-6) उत्सर्जन नियम एक अप्रैल, 2020 से देशभर में प्रभावी हो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
• जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया कि उक्त तारीख से पूरे देश में बीएस-6 के अनुकूल वाहनों की ही बिक्री की जा सकेगी.
• पीठ ने कहा कि और अधिक स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ना वक्त की जरूरत है.
• बीएस-4 नियम अप्रैल 2017 से देशभर में लागू हैं. वर्ष 2016 में केंद्र ने घोषणा की थी कि देश में बीएस-5 नियमों को अपनाए बगैर ही 2020 तक बीएस-6 नियमों को लागू कर दिया जाएगा.
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक वे मानक हैं जो सरकार ने मोटर वाहनों से पर्यावरण में होने वाले प्रदूषक तत्वों के नियमन के लिए बनाए हैं. भारत स्टेज-6 (या बीएस-6) उत्सर्जन नियम एक अप्रैल, 2020 से देशभर में प्रभावी हो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
• जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया कि उक्त तारीख से पूरे देश में बीएस-6 के अनुकूल वाहनों की ही बिक्री की जा सकेगी.
• पीठ ने कहा कि और अधिक स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ना वक्त की जरूरत है.
• बीएस-4 नियम अप्रैल 2017 से देशभर में लागू हैं. वर्ष 2016 में केंद्र ने घोषणा की थी कि देश में बीएस-5 नियमों को अपनाए बगैर ही 2020 तक बीएस-6 नियमों को लागू कर दिया जाएगा.
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