स्थानीय पवनें किसे कहते है?
स्थानीय धरातलीय बनावट, तापमान एवं वायुदाब की विशिष्ट स्थिति के कारण स्भावतः प्रचलित पवनों के विपरीत प्रवाहित होनें वाली पवनें “स्थानीय पवनों” के रूप में जानी जाती हैं। इनका प्रभाव अपेक्षाक्रत छोटे छेत्रों पर पडता हैं। ये क्षोभमण्डल की सबसे नीचे की परतों तक सीमित रहती हैं।
व्यापारिक पवनें किसे कहते है?
दक्षिणी अक्षांश के क्षेत्रों अर्थात उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबन्धों से भूमध्यरेखिय निम्न वायुदाब कटिबन्ध की ओर दोनों गोलाद्धों में वर्ष भर निरन्तर प्रवाहित होने वाले पवन को व्यापारिक पवन कहा जाता हैं। ये पवन वर्ष भर एक ही दिशा में निरन्तर बहती हैं। सामान्यतः इस पवन को उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर से दक्षिण दिशा में तथा दक्षिण गोलार्द्ध में दक्षिण से उत्तरी दिशा में प्रवाहित होना चाहिए, किन्तु फेरेल के नियम एवं कोरोऑलिस बल के कारण ये उत्तरी गोलार्द्ध में अपनी दायीं और तथा दक्षिण गोलार्द्ध में अपनी बायीं ओर विक्षेपित हो जाती हैं।
इस प्रकार की पवनें वर्ष भर एक ही दिशा में निरन्तर बहती हैं। सामान्यतः इस प्रकार की पवन को उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर से दक्षिण दिशा में तथा दक्षिण गोलार्द्ध में दक्षिण से उत्तरी दिशा में प्रवाहित होना चाहिए, किन्तु फ़ेरेल के नियम एवं कोरोऑलिस बल के कारण ये उत्तरी गोलार्द्ध में अपनी दायीं और तथा दक्षिण गोलार्द्ध में अपनी बायीं ओर विक्षेपित हो जाती हैं।
व्यापरिक पवनों की विशेषताएं:
व्यापरिक पवनों को अंग्रेज़ी में ‘ट्रेड विंड्स’ कहते हैं। यहाँ ‘ट्रेड’ शब्द जर्मन भाषा से लिया गया है, जिसका तात्पर्य ‘निर्दिष्ट पथ’ या ‘मार्ग’ से है। इससे स्पष्ट है कि ये हवाएँ एक निर्दिष्ट पथ पर वर्ष भर एक ही दिशा में बहती रहती हैं।
उत्तरी गोलार्ध में ये हवाएँ उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती हैं। वहीं दक्षिणी गोलार्ध में इनकी दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर होती है।
नियमित दिशा में निरंतर प्रवाह के कारण प्राचीन काल में व्यापारियों को पाल युक्त जलयानों के संचालन में इन हवाओं से काफ़ी मदद मिलती थी, जिस कारण इन्हें व्यापारिक पवन कहा जाने लगा था।
भूमध्य रेखा के समीप दोनों व्यापारिक पवन आपस में मिलकर अत्यधिक तापमान के कारण ऊपर उठ जाती हैं तथा घनघोर वर्षा का कारण बन जाती हैं, क्योंकि वहाँ पहुँचते-पहुँचते ये जलवाष्प से पूर्णत: संतृप्त हो जाती हैं।
व्यापारिक पवनों का विश्व के मौसम पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है।
स्वभावगत इन हवाओ की विशेषताएं एवं उनके प्रभाव विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, विश्व की कुछ प्रमुख स्थानीय हवाये निम्नलिखित है:-
विश्व की प्रमुख स्थानीय पवनों की सूची:
स्थानीय पवनों के नाम प्रकृति स्थान का नाम
लू गर्म एवं शुष्क उत्तरी भारत -पाकिस्तान
हबूब गर्म सूडान
चिनूक गर्म एवं शुष्क रॉकी पर्वत
मिस्ट्रल ठंडी स्पेन -फ़्रांस
हरमट्टन गर्म एवं शुष्क पश्चिम अफ्रीका
सिरोको गर्म एवं शुष्क सहारा मरुस्थल
सिमुन गर्म एवं शुष्क अरब मरुस्थल
बोरा ठंडी एवं शुष्क इटली एवं हंगरी
बिल्जर्ड ठंडी टुंड्रा प्रदेश
लेवेंतर ठंडी स्पेन
ब्रिक फील्डर गर्म एवं शुष्क आस्ट्रेलिया
फ्राईजेम ठंडी ब्राज़ील
पापागयो ठंडी एवं शुष्क मैक्सिको
ख़मसिन गर्म एवं शुष्क मिश्र
सोलानो गर्म एवं आर्द्रतायुक्त सहारा
पुनाज़ ठंडी एवं शुष्क इंडीज़ पर्वत
पुर्गा ठंडी साइबेरिया
नौर्वेस्टर गर्म न्यूजीलैंड
सांता एना गर्म एवं शुष्क कैलिफोर्निया
शामल गर्म एवं शुष्क इराक, ईरान
जोंडा गर्म एवं शुष्क अर्जेंटीना
पैम्पेरो ठंडी पम्पास मैदान
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