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1.21 जुलाई 2016 को विश्व की 500 सबसे बड़ी कम्पनियों की वर्ष 2016 की फॉर्च्यून 500 सूची (Fortune 500 List) में भारत की कुल 7 कम्पनियों को स्थान दिया गया। सूची में पहली बार शामिल वह निजी भारतीय कम्पनी कौन सी है जिसने ONGC को हटाकर अपना स्थान बनाने में सफलता हासिल की है? – राजेश एक्सपोर्ट्स (Rajesh Exports)
विस्तार: रत्नों व आभूषणों के व्यवसाय में लिप्त दिग्गज भारतीय कम्पनी राजेश एक्सपोर्ट्स (Rajesh Exports) ने फॉर्च्यून 500 में पहली बार स्थान बनाने में सफलता हासिल की है। उसे इस प्रतिष्ठित सूची में 423वाँ स्थान दिया गया है। वहीं काफी समय बाद तेल खोज (oil exploration) व्यवसाय में लिप्त सार्वजनिक कम्पनी ONGC को इस सूची में स्थान नहीं मिल पाया है।
– सूची में शामिल भारत की सात कम्पनियों में चार सार्वजनिक क्षेत्र (public sector) की तथा तीन निजी क्षेत्र (private sector) की हैं। रिलायंस इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) को निजी कम्पनियों में सबसे ऊँचा स्थान मिला है।
– वहीं टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने पिछले साल के 254वें स्थान से अपनी स्थिति में सुधार करते हुए 226वाँ स्थान हासिल किया है। इसी प्रकार SBI पिछले साल के 260वें स्थान से बढ़कर 232वें स्थान पर आ गया है।
– इस प्रतिष्ठित सूची में अमेरिका की दिग्गज रिटेल कम्पनी वॉलमार्ट (Wal-Mart) को 462 अरब डॉलर की वार्षिक बिक्री के साथ पहला स्थान मिला है। स्टेट ग्रिड (बिक्री 329 अरब डॉलर) को दूसरा तथा चाइना नेशनल पेट्रोलियम (बिक्री 299 अरब डॉलर) तीसरे स्थान पर रहा।
– उल्लेखनीय है कि फॉर्च्यून 500 सूची में वार्षिक बिक्री के आधार पर विश्व की 500 सबसे बड़ी कम्पनियों को सूचीबद्ध किया जाता है।
2) देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने किस वैश्विक वैकल्पिक परिसम्पत्ति प्रबन्धन (global alternative asset manager) कम्पनी के साथ एक करार किया है जिसके तहत एक साझा उपक्रम (joint venture) गठित कर इसके द्वारा SBI की तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों (stressful assets) में निवेश किया जायेगा? – ब्रूकफील्स एसेट मैनेजमेण्ट इंक.
विस्तार: अपने वित्तीय खातों में चढ़ी तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों को कम करने के उद्देश्य से SBI ने जुलाई २०१६ के दौरान अमेरिका की ब्रूकफील्स एसेट मैनेजमेण्ट इंक. (Brookfield Asset Management Inc) के साथ एक समझौता किया है ताकि एक संयुक्त-उपक्रम का गठन कर इसके द्वारा तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों में निवेश किया जाय।
– इस प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम के तहत ब्रूकफील्स तनावपूर्ण परिसम्पत्तियों में लगभग 7,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा जबकि SBI कुल निवेश के 5% हिस्से में निवेश करेगा।
– इस संयुक्त उपक्रम को एक वैकल्पिक निवेश फण्ड (alternative investment fund) की भांति संचालित किया जायेगा। इस प्रकार के फण्ड का नियमन SEBI के प्रावधानों के तहत किया जाता है।
– उल्लेखनीय है कि ब्रूकफील्स एसेट मैनेजमेण्ट इंक. अमेरिका में मुख्यालय वाली एक वैश्विक वैकल्पिक परिसम्पत्ति प्रबन्धन कम्पनी है जिसके हाथ में 240 अरब डॉलर की परिसम्पत्तियों का प्रबन्धन है। इसको परिसम्पत्तियों के प्रबन्धन, पुन:नवीकरणीय ऊर्जा, मूलभूत संरचना तथा निजी इक्विटी के क्षेत्र में 100 से अधिक वर्षों का अनुभ
3) खेलकूद मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration for Sport – CAS) ने 21 जुलाई 2016 को दिए अपने आदेश में 68 रूसी एथलीटों को रियो (ब्राज़ील) में होने वाले वर्ष 2016 के ग्रीष्मकालीन ऑलम्पिक खेलों में खेलने की अनुमति देने की याचिका को खारिज कर दिया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एथलीट अब इन खेलों में भाग नहीं ले पायेंगे। अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स फेडरेशन संघ (IAAF) ने इससे पूर्व रूस के एथलीटों पर यह प्रतिबन्ध क्यों लगाया था? – रूस में सरकार प्रायोजित डोपिंग के आरोप में
विस्तार: उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2014 के दौरान जर्मनी की प्रसारण कम्पनी ARD ने अपने एक वृत्त-चित्र (documentary) में दिखाया था कि रूस में संस्थागत डोपिंग (systematic doping) के द्वारा एथलीटों के प्रदर्शन के बेहतर करने की कोशिश की जाती है। इसके बाद वैश्विक डोपिंग-रोधी एजेंसी वाडा (WADA) ने इस मामले की जाँच के लिए एक निष्पक्ष समिति का गठन किया था।
– वाडा की इस समिति की रिपोर्ट नवम्बर 2015 में आई थी तथा इसमें इस आरोपों को सही पाया गया था। इसके चलते अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स फेडरेशन संघ (International Association of Athletics Federations – IAAF) ने रूस के एथलीटों पर यह प्रतिबन्ध लगा दिया था।
– इस प्रतिबन्ध को चुनौती देते हुए रूसी ऑलम्पिक समिति (ROC) तथा 68 प्रतिबन्धित एथलीटों ने इस प्रतिबन्ध को उठाए की गुहार खेलकूद मध्यस्थता न्यायालय (CAS) में की थी। लेकिन लुसाने (स्विट्ज़रलैण्ड) स्थित इस न्यायालय ने 21 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस प्रतिबन्ध को हटाया नहीं जा सकता है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि अब रूस के पूरे ऑलम्पिक दल पर भी प्रतिबन्ध लगाया जा सकता ह
4) भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में घोषित स्कीम फॉर सस्टेनेबल स्ट्रक्चरिंग ऑफ स्ट्रेस्ड एसेट्स (S4A) नामक योजना के तहत अपने ऋण पर रियायत हासिल करने वाला पहला उपक्रम कौन सा बनने जा रहा है? – एचसीसी (HCC)
विस्तार: पूर्व में हिन्दुस्तान कॉन्स्ट्रक्शन कम्पनी के नाम से जानी जाने वाली HCC पहली कम्पनी बनने जा रही है जिसको भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अभी कुछ समय पूर्व घोषित स्कीम फॉर सस्टेनेबल स्ट्रक्चरिंग ऑफ स्ट्रेस्ड एसेट्स (Scheme for Sustainable Structuring of Stressed Assets – S4A) के तहत अपने ऋणों पर रियायत हासिल हो सकेगी।
– RBI कि इस योजना के तहत बैंकों को किसी कम्पनी के संश्यात्मक ऋणों (stressed debt) को दो भागों में विभाजित करने का अधिकार प्रदान किया गया है। कम्पनी जहाँ वसूले जा सकने वाले ऋण (sustainable debt) को अपने अधिकार में रखेगी वहीं अवशेष ऋण को इक्विटी (equity) में परिवर्तित किया जा सकेगा।
– इस सम्बन्ध में HCC द्वारा जारी जानकारी के अनुसार ऋणदाताओं के संयुक्त फोरम ने उसके 12,000 करोड़ रुपए के ऋण को इस योजना के तहत रियायत उपलब्ध करने की पुष्टि की है। ऋणदाताओं को 90 दिनों का समय इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रदान किया गया है।
5) विश्व की उस सबसे बड़ी ऑनलाइन पाइरेसी बेवसाइट (online piracy website) का क्या नाम है जिसपर आरोप है कि उसने 1 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की फिल्मों, म्यूज़िक तथा कंटेट को अवैध तरीके से इंटरनेट से उपलब्ध कराया है तथा जिसके खिलाफ अमेरिकी एजेंसियों ने 20 जुलाई 2016 को बड़ी कार्रवाई कर इसे बंद करवा दिया? – किकएस टॉररेंट्स (Kickass Torrents)
विस्तार: किकएस टॉररेंट्स (Kickass Torrents) की स्थापना 30-वर्षीय यूक्रेनी आर्टेम वॉलिम (Artem Vaulim) द्वारा की गई थी तथा इसके द्वारा लाखों टॉरेंट फाइलों में उपलब्ध म्यूज़िक, फिल्में, टीवी शो, आदि को अवैध तरीके से बिना किसी कॉपीराइट अनुमति के इंटरनेट द्वारा डाउनलोड किया जा सकता है।
– किकएस टॉररेंट्स ने अभी कुछ समय पहले पाइरेट बे (Pirate Bay) जैसी सुप्रसिद्ध डाउनलोड साइट्स को इस मामले में पीछे छोड़ दिया था तथा वह वर्तमान में अवैध फाइलों को डाउनलोड बनने का सबसे बड़ा जरिया बन कर उभरी थी।
– अमेरिका के न्याय विभाग (US Justice Department) ने 20 जुलाई 2016 को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए किकएस टॉररेंट्स के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया। अभियान को छेड़ते समय आर्टेम वॉलिम पर आरोप लगाया गया कि वह अपनी साइट से प्रयोगकर्ताओं को ऐसी अनुकूल सुविधा उपलब्ध करा रहा है जिसके चलते लोग कॉपीराइट-संरक्षित कंटेट को बिना किसी कॉपीराइट अनुमति के आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
– इस कार्रवाई में बाद में आर्टेम वॉलिम को पोलैण्ड (Poland) से गिरफ्तार कर लिया गया जबकि किकएस टॉरेंट का संचालन बंद कर दिया गया।
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