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10 July 2016

Mistake by HPU-वेबसाइट पर डाला पुराना रिजल्ट।

एचपीयू प्रशासन की बीएड प्रवेश परीक्षा 2016 की मलिस्ट जारी करने में हुई लापरवाही सैकड़ों छात्रों पर भारी
पड़ रही है। विश्वविद्यालय एंट्रेंस टेस्ट सेक्शन द्वारा बीएड प्रवेश परीक्षा के परिणाम की मैरिट सूची में पुराने रिजल्ट अपलोड
करने की भारी चूक हुई है। वहीं, यह चूक सुधारने के लिए भले ही विवि ने सही परिणाम वेबसाइट पर जारी किया, पर बीएड प्रवेश
परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी विवि द्वारा नहीं दी गई। विवि की इस लापरवाही से बीएड प्रवेश परीक्षा देने

वाले छात्र अभी भी अपने प्राप्त अंकों को लेकर असमंजस में हैं। छात्रों को सही जवाब भी विवि से नहीं मिल पा रहा है। मामले के
तहत विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2016 बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर इसकी मैरिट सूची विवि की वेबसाइट पर 29
जून को जारी की गई। इसी दिन विश्वविद्यालय ने इसी परिणाम की दूसरी रिवाइज्ड मैरिट लिस्ट विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर
जारी कर दी। इन दोनों मैरिट लिस्टों में छात्रों के नाम और रोल नंबर तो सही थे, लेकिन प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों में अंतर है।
विश्वविद्यालय द्वारा एक ही परीक्षा की दो-दो बार मैरिट लिस्ट जारी करने और दोनों लिस्टों में प्राप्त अंकों में अंतर होने से
प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों में परिणाम को लेकर असमंजस की स्थिति अभी भी बरकरार है। छात्र अभी भी इस परेशानी में है कि
उनका सही परिणाम कौन सा है और उन्होंने बीएड प्रवेश परीक्षा में पहली जारी की गई मैरिट लिस्ट के आधार पर अंक प्राप्त किए
हैं या रिवाइज्ड मैरिट लिस्ट के आधार पर।
पहली लिस्ट में 196 थे, फिर रिवाइज्ड में 269 हो गए उम्मीदवार
पहले जारी मैरिट लिस्ट में 196 उम्मीदवार दर्शाए गए। इसी लिस्ट के आधार पर कुछ उम्मीदवारों ने इसे अपलोड भी कर लिया था,
वहीं शाम को दूसरी लिस्ट विवि की वेबसाइट पर रिवाइज्ड बीएड मैरिट लिस्ट 2016 के नाम से विवि ने जारी कर दी, जिसमें 269
उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई। जारी मैरिट लिस्ट के पहले पेज पर ही बदलाव एचपीयू की ओर से किए गए, जिसमें छात्रों के
प्राप्त अंकों में अंतर दर्शाया गया।
पहली लिस्ट अचानक गायब
विश्वविद्यालय ने रिवाइज्ड लिस्ट जारी करने के बाद पहले जारी की गई गलत मैरिट लिस्ट को तुरंत विवि की वेबसाइट से भी हटा
दिया, लेकिन छात्रों को उनके प्राप्त अंकों में अंतर का कोई जवाब देना विवि प्रशासन ने उचित नहीं समझा। छात्र अभी भी बीएड
प्रवेश परीक्षा 2016 में प्राप्त किए गए अंकों को लेकर असमंजस की स्थिति में है।

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