हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड द्वारा टीजीटी और मेडिकल आईसीएमआर की परीक्षा एक ही दिन पर तय होने
से एक बार फिर प्रदेश के छात्र परेशानी में आ गए हैं। इन दोनों परीक्षाओं की तिथि 17 जुलाई है। एबीवीपी इकाई अध्यक्ष गौरव
अत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि हजारों छात्रों ने मार्च में अपना मेडिकल आईसीएमआर का पेपर मार्च में भराया, जिसकी फीस
1000 थी। इस परीक्षा की तारीख मार्च में ही 17 जुलाई आ गई थी, लेकिन अभी 20 मई में एचपीपीएसबी ने टीजीटी के लिए
आवेदन आमंत्रित किए थे, जिसे मई में भरा गया व इसकी परीक्षा भी 17 जुलाई ही कर दी गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों को
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की परीक्षा के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ता है। वहीं बोर्ड ने अपनी परीक्षाएं, जिसमें टीजीटी व
10 जुलाई को नेट की परीक्षाएं रखी हैं। अखिल भारतीय परिषद विवि इकाई ने मांग की कि 17 जुलाई को जिन परीक्षाओं का
मेडिकल आईसीएमआर के साथ टकराव हो रहा है, उसे बदल कर अगस्त माह में करवाया जाए।
से एक बार फिर प्रदेश के छात्र परेशानी में आ गए हैं। इन दोनों परीक्षाओं की तिथि 17 जुलाई है। एबीवीपी इकाई अध्यक्ष गौरव
अत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि हजारों छात्रों ने मार्च में अपना मेडिकल आईसीएमआर का पेपर मार्च में भराया, जिसकी फीस
1000 थी। इस परीक्षा की तारीख मार्च में ही 17 जुलाई आ गई थी, लेकिन अभी 20 मई में एचपीपीएसबी ने टीजीटी के लिए
आवेदन आमंत्रित किए थे, जिसे मई में भरा गया व इसकी परीक्षा भी 17 जुलाई ही कर दी गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों को
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की परीक्षा के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ता है। वहीं बोर्ड ने अपनी परीक्षाएं, जिसमें टीजीटी व
10 जुलाई को नेट की परीक्षाएं रखी हैं। अखिल भारतीय परिषद विवि इकाई ने मांग की कि 17 जुलाई को जिन परीक्षाओं का
मेडिकल आईसीएमआर के साथ टकराव हो रहा है, उसे बदल कर अगस्त माह में करवाया जाए।
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