वन रक्षक भर्ती में सौ प्रतिशत आरक्षण लागू होने पर वन विभाग की पढि़ए दलील।
नाहन: वन वृत नाहन में वनरक्षकों के 48 पदों की भर्ती के मामले
में आरक्षण रोस्टर को लागू करने पर वन विभाग ने अपनी दलील दी है।
दरअसल तमाम पद आरक्षित हो जाने की वजह से रोस्टर प्रणाली पर सवाल उठा था।
चूंकि वनरक्षकों की अपॉयटिंग अथॉरिटी वन अरण्यपाल होता है, इसी कारण आरक्षण
रोस्टर को भी यहीं तैयार किया गया था। बुधवार को वन अरण्यपाल इस पूरे मामले पर बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हो रहे थे। लिहाजा एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने वीरवार को वन अरण्यपाल को फिर संपर्क साधा। इस बार उपलब्ध हुए वन अरण्यपाल वाईपी गुप्ता ने भर्ती मेंलागू किए गए आरक्षण रोस्टर की पैरवी करते हुए कहा कि सरकार के नियमों के मुताबिक ही आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण प्रणाली को
वर्टिकल व हॉरिजेंटल तरीके से लागू किया जाता है। इस वृत में वर्टिकल रोस्टर
के मुताबिक तमाम वर्गों को सही तरीके से भर्ती के अवसर मिलें, जबकि
हॉरिजेंटल में आरक्षित श्रेणियों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया।
वन अरण्यपाल का यह भी कहना है कि तीन सदस्यीय कमेटी ने
आरक्षण रोस्टर बनाया। इसके बाद ही विज्ञापन प्रकाशित हुआ। उनका यह
भी कहना है कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को पहले ही सरप्लस सीटें मिल
चुकी हैं। कुल मिलाकर सवाल यह भी उठता है कि जिन श्रेणियों में सीटें
आरक्षित की गई हैं, उनमें विभाग को पात्र उम्मीदवार मिल पाएंगे या नहीं।
पुरुष व महिला अभ्यार्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए
अलग-अलग शर्तें रखी गई हैं।
नाहन: वन वृत नाहन में वनरक्षकों के 48 पदों की भर्ती के मामले
में आरक्षण रोस्टर को लागू करने पर वन विभाग ने अपनी दलील दी है।
दरअसल तमाम पद आरक्षित हो जाने की वजह से रोस्टर प्रणाली पर सवाल उठा था।
चूंकि वनरक्षकों की अपॉयटिंग अथॉरिटी वन अरण्यपाल होता है, इसी कारण आरक्षण
रोस्टर को भी यहीं तैयार किया गया था। बुधवार को वन अरण्यपाल इस पूरे मामले पर बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हो रहे थे। लिहाजा एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने वीरवार को वन अरण्यपाल को फिर संपर्क साधा। इस बार उपलब्ध हुए वन अरण्यपाल वाईपी गुप्ता ने भर्ती मेंलागू किए गए आरक्षण रोस्टर की पैरवी करते हुए कहा कि सरकार के नियमों के मुताबिक ही आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण प्रणाली को
वर्टिकल व हॉरिजेंटल तरीके से लागू किया जाता है। इस वृत में वर्टिकल रोस्टर
के मुताबिक तमाम वर्गों को सही तरीके से भर्ती के अवसर मिलें, जबकि
हॉरिजेंटल में आरक्षित श्रेणियों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया।
वन अरण्यपाल का यह भी कहना है कि तीन सदस्यीय कमेटी ने
आरक्षण रोस्टर बनाया। इसके बाद ही विज्ञापन प्रकाशित हुआ। उनका यह
भी कहना है कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को पहले ही सरप्लस सीटें मिल
चुकी हैं। कुल मिलाकर सवाल यह भी उठता है कि जिन श्रेणियों में सीटें
आरक्षित की गई हैं, उनमें विभाग को पात्र उम्मीदवार मिल पाएंगे या नहीं।
पुरुष व महिला अभ्यार्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए
अलग-अलग शर्तें रखी गई हैं।
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