पीटीए शिक्षकों को सशर्त सेवा विस्तार, रेगुलर टीचर आने पर छोड़नी होगी नौकरी
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छठी से जमा दो कक्षा तक पढ़ा रहे 1,369 पीटीए शिक्षकों
को राज्य सरकार ने सशर्त एक साल का सेवा विस्तार दिया है। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में
पीटीए शिक्षकों को ग्रांट इन एड जारी रहने की अधिसूचना जारी करते हुए सरकार ने शर्त
जोड़ दी है।
शर्त के मुताबिक रेगुलर टीचर आने पर पीटीए टीचर को नौकरी छोड़नी पड़ेगी। साल 2007 में
सरकार ने इस शर्त को हटा दिया था लेकिन अब इसे दोबारा जोड़ दिया है। सरकार की इस
अधिसूचना से पीटीए शिक्षकों में हड़कंप है।
कांग्रेस सरकार ने 29 जून 2006 को पीटीए पॉलिसी बनाई थी। इस पॉलिसी के तहत प्रदेश
के स्कूलों में 6,810 शिक्षकों को नियुक्त किया गया। भाजपा सरकार आने पर करीब 1200
पीटीए शिक्षकों की छुट्टी कर दी गई।
संघ ने किया विरोध
मामला कोर्ट में जाने के बाद कई शिक्षकों की नौकरी बहाल हुई। प्रदेश सरकार ने 22 जनवरी
2015 को 5087 पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर भी ला दिया। मौजूद समय में 1,369
शिक्षक पीटीए पर नियुक्त हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते इन
शिक्षकों को अनुबंध पर नहीं ला जा रहा है। सरकार ने इन्हें ग्रांट इन एड के तहत ही नियुक्ति
दी हुई है।
पीटीए शिक्षक संघ ने शर्त का विरोध किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मेहता का कहना
है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में पीटीए शिक्षकों को नौकरी से
हटाया नहीं जा सकता। इसको लेकर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। विवेक मेहता
ने मुख्यमंत्री से पीटीए शिक्षकों को नियमित कर राहत देने की मांग की है।
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छठी से जमा दो कक्षा तक पढ़ा रहे 1,369 पीटीए शिक्षकों
को राज्य सरकार ने सशर्त एक साल का सेवा विस्तार दिया है। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में
पीटीए शिक्षकों को ग्रांट इन एड जारी रहने की अधिसूचना जारी करते हुए सरकार ने शर्त
जोड़ दी है।
शर्त के मुताबिक रेगुलर टीचर आने पर पीटीए टीचर को नौकरी छोड़नी पड़ेगी। साल 2007 में
सरकार ने इस शर्त को हटा दिया था लेकिन अब इसे दोबारा जोड़ दिया है। सरकार की इस
अधिसूचना से पीटीए शिक्षकों में हड़कंप है।
कांग्रेस सरकार ने 29 जून 2006 को पीटीए पॉलिसी बनाई थी। इस पॉलिसी के तहत प्रदेश
के स्कूलों में 6,810 शिक्षकों को नियुक्त किया गया। भाजपा सरकार आने पर करीब 1200
पीटीए शिक्षकों की छुट्टी कर दी गई।
संघ ने किया विरोध
मामला कोर्ट में जाने के बाद कई शिक्षकों की नौकरी बहाल हुई। प्रदेश सरकार ने 22 जनवरी
2015 को 5087 पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर भी ला दिया। मौजूद समय में 1,369
शिक्षक पीटीए पर नियुक्त हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते इन
शिक्षकों को अनुबंध पर नहीं ला जा रहा है। सरकार ने इन्हें ग्रांट इन एड के तहत ही नियुक्ति
दी हुई है।
पीटीए शिक्षक संघ ने शर्त का विरोध किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मेहता का कहना
है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में पीटीए शिक्षकों को नौकरी से
हटाया नहीं जा सकता। इसको लेकर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। विवेक मेहता
ने मुख्यमंत्री से पीटीए शिक्षकों को नियमित कर राहत देने की मांग की है।
No comments:
Post a Comment
Do leave your comment.