बड़े बदलाव की तैयारी, ट्रांसफर होंगे इन पांच जिलों के 441 शिक्षक(JBT news)
प्रदेश के पांच जिलों किन्नौर, सोलन, सिरमौर, मंडी और कांगड़ा की प्राथमिक
पाठशालाओं में तैनात 441 सरप्लस शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा
निदेशालय ने सरकार को बच्चों और शिक्षकों के अनुपात से युक्तिकरण करने का प्रस्ताव भेज
दिया है।
सरकार से मंजूरी मिलते ही शहरी इलाकों के स्कूलों में डटे सरप्लस शिक्षकों को ट्रांसफर
किया जाएगा। बिलासपुर, ऊना, कुल्लू, चंबा और हमीरपुर जिलों में अप्रैल में युक्तिकरण हो
चुका है। इन जिलों से करीब 550 सरप्लस शिक्षकों को अन्य स्कूलों में तबदील किया गया।
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक स्कूलों में लंबे अरसे से अपने प्रभाव के चलते डटे
शिक्षकों को ट्रांसफर किया जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के मुताबिक सोलन
जिला में 1824 शिक्षक तैनात हैं। 63 सरप्लस शिक्षक बदले जाएंगे। बावजूद इसके 86
शिक्षकों की कमी रहेगी।
पढ़िए कहां कितने शिक्षक बदले जाएंगे
मंडी जिले में 3437 शिक्षक हैं। 145 सरप्लस शिक्षकों के तबादले होंगे, 167 की जरूरत रहेगी।
सिरमौर में 2294 शिक्षक हैं। 106 शिफ्ट किए जाएंगे। 132 की जरूरत रहेगी। किन्नौर में 373
शिक्षक तैनात हैं। यहां से 21 शिक्षक बदले जाएंगे।
40 शिक्षक सरप्लस रहेंगे। इन्हें बाद में बदला जाएगा। जिला कांगड़ा में 3522 शिक्षक तैनात
हैं। सरप्लस शिक्षक 192 चिन्हित किए गए हैं। 106 शिक्षकों को बदला जा रहा है। 86 बाद
में बदले जाएंगे।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। शहरी क्षेत्रों में
स्थित स्कूलों में राजनीतिक पहुंच के चलते शिक्षक सरप्लस हैं। कई स्कूलों में विद्यार्थी-
शिक्षक अनुपात का पालन नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री कई बार शिक्षकों का युक्तिकरण
करने को कह चुके हैं।
यह है शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात
विद्यार्थी शिक्षक
1 से 60 2
61 से 90 3
91 से 120 4
शिमला से नहीं आया रिकॉर्ड, उपनिदेशक को नोटिस
जिला शिमला में युक्तिकरण का काम अभी लटक गया है। उपनिदेशक कार्यालय से
निदेशालय में रिकॉर्ड नहीं भेजा जा रहा है। सोमवार को निदेशालय से शिमला के
उपनिदेशक को रिमाइंडर नोटिस जारी किया गया। राजधानी के स्कूलों में तैनात अधिक
शिक्षक राजनीतिक पहुंच वाले हैं। रिकॉर्ड आने में हो रही देरी पर अतिरिक्त मुख्य सचिव
शिक्षा भी नाराजगी जता चुके हैं।
प्रदेश के पांच जिलों किन्नौर, सोलन, सिरमौर, मंडी और कांगड़ा की प्राथमिक
पाठशालाओं में तैनात 441 सरप्लस शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा
निदेशालय ने सरकार को बच्चों और शिक्षकों के अनुपात से युक्तिकरण करने का प्रस्ताव भेज
दिया है।
सरकार से मंजूरी मिलते ही शहरी इलाकों के स्कूलों में डटे सरप्लस शिक्षकों को ट्रांसफर
किया जाएगा। बिलासपुर, ऊना, कुल्लू, चंबा और हमीरपुर जिलों में अप्रैल में युक्तिकरण हो
चुका है। इन जिलों से करीब 550 सरप्लस शिक्षकों को अन्य स्कूलों में तबदील किया गया।
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक स्कूलों में लंबे अरसे से अपने प्रभाव के चलते डटे
शिक्षकों को ट्रांसफर किया जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के मुताबिक सोलन
जिला में 1824 शिक्षक तैनात हैं। 63 सरप्लस शिक्षक बदले जाएंगे। बावजूद इसके 86
शिक्षकों की कमी रहेगी।
पढ़िए कहां कितने शिक्षक बदले जाएंगे
मंडी जिले में 3437 शिक्षक हैं। 145 सरप्लस शिक्षकों के तबादले होंगे, 167 की जरूरत रहेगी।
सिरमौर में 2294 शिक्षक हैं। 106 शिफ्ट किए जाएंगे। 132 की जरूरत रहेगी। किन्नौर में 373
शिक्षक तैनात हैं। यहां से 21 शिक्षक बदले जाएंगे।
40 शिक्षक सरप्लस रहेंगे। इन्हें बाद में बदला जाएगा। जिला कांगड़ा में 3522 शिक्षक तैनात
हैं। सरप्लस शिक्षक 192 चिन्हित किए गए हैं। 106 शिक्षकों को बदला जा रहा है। 86 बाद
में बदले जाएंगे।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। शहरी क्षेत्रों में
स्थित स्कूलों में राजनीतिक पहुंच के चलते शिक्षक सरप्लस हैं। कई स्कूलों में विद्यार्थी-
शिक्षक अनुपात का पालन नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री कई बार शिक्षकों का युक्तिकरण
करने को कह चुके हैं।
यह है शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात
विद्यार्थी शिक्षक
1 से 60 2
61 से 90 3
91 से 120 4
शिमला से नहीं आया रिकॉर्ड, उपनिदेशक को नोटिस
जिला शिमला में युक्तिकरण का काम अभी लटक गया है। उपनिदेशक कार्यालय से
निदेशालय में रिकॉर्ड नहीं भेजा जा रहा है। सोमवार को निदेशालय से शिमला के
उपनिदेशक को रिमाइंडर नोटिस जारी किया गया। राजधानी के स्कूलों में तैनात अधिक
शिक्षक राजनीतिक पहुंच वाले हैं। रिकॉर्ड आने में हो रही देरी पर अतिरिक्त मुख्य सचिव
शिक्षा भी नाराजगी जता चुके हैं।
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