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23 January 2018

सभी भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपाल एवं उप-राज्यपालों की सूची 2018


राज्यपाल किसे कहते है?

भारत गणराज्य में राज्यपाल 29 राज्यों में राज्य प्रमुख का संवैधानिक पद होता है। राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए करते हैं और वे राष्ट्रपति की मर्जी पर पद पर रहते हैं। राज्यपाल राज्य सरकार का विधित मुखिया होता है जिसकी कार्यकारी कार्रवाई राज्यपाल के नाम पर सम्पन्न होती है।

भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 सितम्बर 2017 को देश के पांच राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की है। जिन राज्यों के राज्यपालों (गवर्नरों) को बदला गया है, उनमें मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार शामिल हैं। इसके अलावा अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल को भी बदला गया है। आइये जानते है इन बदलावों के बाद कौन किस राज्य में राज्यपाल पद पर कार्यरत है:-



भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची 2018:-
राज्य का नाम राज्यपाल का नाम पदग्रहण (कार्यकाल अवधि)
अरुणाचल प्रदेश ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा 03 अक्टूबर 2017
असम जगदीश मुखी 10 अक्टूबर 2017
आन्ध्र प्रदेश ई॰एस॰एल॰ नरसिंहन 28 दिसम्बर 2009 (06 वर्ष, 123 दिन)
उत्तर प्रदेश राम नाईक 14 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 290 दिन)
उत्तराखण्ड कृष्णकांत पॉल 08 जनवरी 2015 (01 वर्ष, 112 दिन)
ओडिशा एस॰सी॰ जमीर 21 मार्च 2013 (03 वर्ष, 39 दिन)
कर्नाटक वजूभाई वाला 01 सितम्बर 2014 (01 वर्ष, 241 दिन)
केरल पलनिस्वामी सदाशिवम 05 सितम्बर 2014 (01 वर्ष, 237 दिन)
गुजरात ओम प्रकाश कोहली 16 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 288 दिन)
गोवा मृदुला सिन्हा 31 अगस्त 2014 (01 वर्ष, 242 दिन)
छत्तीसगढ बलराम जी दास टंडन 25 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 279 दिन)
जम्मू और कश्मीर नरिंदर नाथ वोहरा 25 जून 2008 (07 वर्ष, 309 दिन)
झारखण्ड द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 (0 वर्ष, 347 दिन)
तमिलनाडु बनवारी लाल पुरोहित 06 अक्टूबर 2017
तेलंगाना ई॰एस॰एल॰ नरसिंहन (अतिरिक्त प्रभार) 02 जून 2014 (01 वर्ष, 332 दिन)
त्रिपुरा तथागता रॉय 20 मई 2015 (345 दिन)
नागालैण्ड पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य 19 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 285 दिन)
पंजाब कप्तान सिंह सोलंकी (अतिरिक्त प्रभार) 22 जनवरी 2015 (01 वर्ष, 98 दिन)
पश्चिम बंगाल केशरी नाथ त्रिपाठी 24 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 280 दिन)
बिहार सत्यपाल मलिक 22 जून 2017
मणिपुर डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला 21 अगस्त 2016 (362)
मध्य प्रदेश आनंदीबेन पटेल 23 जनवरी 2018
महाराष्ट्र चेन्नामनेनी विद्यासागर राव 30 अगस्त 2014 (01 वर्ष, 243 दिन)
मिज़ोरम निर्भय शर्मा 26 मई 2015 (339 दिन)
मेघालय गंगा प्रसाद 05 अक्टूबर 2017
राजस्थान कल्‍याण सिंह 04 सितम्बर 2014 (01 वर्ष, 238 दिन)
सिक्किम श्रीनिवास दादासाहेब पाटील 20 जुलाई 2013 (02 वर्ष, 284 दिन)
हरियाणा कप्तान सिंह सोलंकी 27 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 277 दिन)
हिमाचल प्रदेश आचार्य देव व्रत 12 अगस्त 2015 (261 दिन)

केन्द्रशासित प्रदेशों के वर्तमान प्रशासक और उप-राज्यपालों की सूची:-
केन्द्रशासित प्रदेश नाम पद ग्रहण(कार्यकाल अवधि)
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह (उपराज्यपाल) देवेंद्र कुमार जोशी 09 अक्टूबर 2017
चण्डीगढ़ (प्रशासक) वी.पी. सिंह बदनोर 22 अगस्त, 2016
दमन और दीव (प्रशासक) प्रफुल्ल पटेल 29 अगस्त, 2016
दादरा और नगर हवेली (प्रशासक) प्रफुल्ल पटेल 30 दिसम्बर, 2016
दिल्ली (उपराज्यपाल) अनिल बैजल 31 दिसम्बर, 2016
पुदुच्चेरी (उपराज्यपाल) किरन बेदी 29 मई, 2016
लक्षद्वीप (प्रशासक) फ़ारुक़ ख़ान 06 सितम्बर, 2016

अंतिम संशोधन: 23 जनवरी 2018

राज्यपाल के पद में लिए योग्ताएं:

अनुच्छेद 157 के अनुसार राज्यपाल पद पर नियुक्त किये जाने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताओं का होना अनिवार्य है:-

    वह भारत का नागरिक हो।
    वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
    वह राज्य सरकार या केन्द्र सरकार या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर न हो
    वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।

राज्यपाल की नियुक्ति:

संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की जाएगी, किन्तु वास्तव में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की सिफ़ारिश पर की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति के सम्बन्ध में निम्न दो प्रकार की प्रथाएँ बन गयी थीं:-

    किसी व्यक्ति को उस राज्य का राज्यपाल नहीं नियुक्त किया जाएगा, जिसका वह निवासी है।
    राज्यपाल की नियुक्ति से पहले सम्बन्धित राज्य के मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किया जाएगा।

यह प्रथा 1950 से 1967 तक अपनायी गयी, लेकिन 1967 के चुनावों में जब कुछ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ, तब दूसरी प्रथा को समाप्त कर दिया गया और मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किए बिना राज्यपाल की नियुक्ति की जाने लगी।

राज्यपाल की उन्मुक्तियाँ तथा विशेषाधिकार:

राज्यपाल को निम्नलिखित विशेषाधिकार तथा उन्मुक्तियाँ प्राप्त हैं:-

    राज्यपाल अपने पद की शक्तियों के प्रयोग तथा कर्तव्यों के पालन के लिए किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
    राज्यपाल की पदावधि के दौरान उसके विरुद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाही प्रारम्भ नहीं की जा सकती।
    जब राज्यपाल पद पर आरूढ़ हो, तब उसकी गिरफ्तारी या कारावास के लिए किसी भी न्यायालय से कोई आदेशिका जारी नहीं की जा सकती।
    राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पूर्व या पश्चात उसके द्वारा व्यक्तिगत क्षमता में किये गये कार्य के सम्बन्ध में कोई सिविल कार्यवाही करने के पहले उसे दो मास पूर्व सूचना देनी पड़ती है।

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