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24 November 2017

महत्वपूर्ण - भारतीय संविधान के 22 भाग, 465 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियों की सूची।

भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है।
केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय संसद की परिषद् में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद (राज्‍यसभा) तथा लोगों का सदन (लोकसभा) के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगा जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्‍ट्रपति इस मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्‍पादन करेगा। इस प्रकार वास्‍तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है जो वर्तमान में नरेन्द्र मोदी हैं।

भारतीय संविधान के भाग, अनुच्छेद एवं अनुसूचियों की सूची:-
भाग सम्बंधित क्षेत्र अनुच्छेद
भाग 1 संघ और उसके क्षेत्र अनुच्छेद 1-4
भाग 2 नागरिकता अनुच्छेद 5-11
भाग 3 मूलभूत अधिकार अनुच्छेद 12 – 35
भाग 4 राज्य के नीति निदेशक तत्व अनुच्छेद 36 – 51
भाग 4-ए मूल कर्तव्य अनुच्छेद 51A
भाग 5 संघ अनुच्छेद 52-151
भाग 6 राज्य अनुच्छेद 152 -237
भाग 7 संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित
भाग 8 संघ राज्य क्षेत्र अनुच्छेद 239-242
भाग 9 पंचायत अनुच्छेद 243- 243O
भाग 9-ए नगर्पालिकाएं अनुच्छेद 243P – 243ZG
भाग 10 अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र अनुच्छेद 244 – 244A
भाग 11 संघ और राज्यों के बीच संबंध अनुच्छेद 245 – 263
भाग 12 वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद अनुच्छेद 264 -300A
भाग 13 भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम अनुच्छेद 301 – 307
भाग 14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं अनुच्छेद 308 -323
भाग 14-ए अधिकरण अनुच्छेद 323A – 323B
भाग 15 निर्वाचन अनुच्छेद 324 -329A
भाग 16 कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध संबंध अनुच्छेद 330- 342
भाग 17 राजभाषा अनुच्छेद 343- 351
भाग 18 आपात उपबंध अनुच्छेद 352 – 360
भाग 19 प्रकीर्ण अनुच्छेद 361 -367
भाग 20 संविधान के संशोधन अनुच्छेद
भाग 21 अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध अनुच्छेद 369 – 392
भाग 22 संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन अनुच्छेद 393 – 395

भारतीय संविधान के रोचक तथ्य 

    क्या आप जानते हैं भारतीय संविधान पूर्ण रूप से हस्त लिखित है, इसे प्रेम बेहारी नारायण रायजादा ने लिखा था।
    प्रस्तावना पृष्ठ, भारत के मूल संविधान के अन्य पन्नों के साथ-साथ जबलपुर के प्रसिद्ध चित्रकार बीओहर राममनोहर सिन्हा द्वारा तैयार किया गया था, जो उस समय नृत्याल नंदनल बोस के साथ शांतिनिकेतन में था।
    संविधान की मूल प्रति को आज भी हीलियम के अंदर डाल के भारतीय संसद की लाइब्रेरी में रखा गया है।
    संविधान के 22 भाग हैं जिनमे 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। भारतीय संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
    भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक़्त लगा था।
    संविधान को पारित करने से पहले इस पर चर्चा की गयी थी जिसमे 2000 बदलाव किये गए थे।
    भारत का संविधान 26 नवंबर को तैयार कर लिया गया था मगर तत्कालीन सरकार के द्वारा इसे 26 जनवरी 1950 को लागू करवाया गया था। संविधान पारित होने के बाद सभी 284 संसद सदस्यों से इस पर हस्ताक्षर लिए गए जिनमे 15 महिला सदस्य भी शामिल हैं।
    भारतीय संविधान को कई संविधानों का मिश्रण कहा जाता है क्योँकि इसमें कई संविधानों के द्वारा मदद ली गयी थी।
    पांच वर्षीय योजना को रूस के संविधान से लिया गया था और मौलिक अधिकारों को अमेरिका के संविधान से लिया गया था।
    समानता , एकाधिकार और कई ऐसे अन्य अधिकार फ्रेंच रेवोलुशन से लिए गए थे। यह सारे अधिकार आज के सन्दर्भ में भी अतिमहत्वपूर्ण हैं।
    संविधान के शुरुआती शब्द अमेरिका के संविधान से प्रेरित हैं जिनका उल्लेख आज भी देखने को मिल जाता है।
    किसी भी नागरिक के मूलभूत अधिकार भी अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
    भारतीय संविधान की सार्थकता इस बात से सिद्ध हो जाती है की इसको पिछले 62 सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है और अभी तक इसमें मात्र 92 बदलाव किये गए हैं।
    भारतीय सरकार द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार जैसे कि भारत रत्न, पद्म भूषण, कीति चक्र आदि गणतंत्र दिवस के दिन ही दिए जाते हैं।
    भारतीय संविधान में ऐसा नियम है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री देश को संबोधित (संबोधन) करेंगे।

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