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7 July 2017

हिमाचल प्रदेश की पर्वत श्रंखलाएँ।

प्रिय पाठकों
HP Exams Adda में आपका स्वागत है।

हिमाचल प्रदेश की समुद्रतल से ऊंचाई 350 मीटर से 7000  मीटर के बीच है। हिमाचल प्रदेश को 3 प्रकार की पर्वत श्रेणियों में बंटा जा सकता है। ----


1 निचला  पर्वत श्रेणी

2 मध्य पर्वत श्रेणी

3 उच्च पर्वत श्रेणी



1.निचला पर्वत श्रेणी
                                       

इन पर्वत श्रेणियों को शिवालिक पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।  शिवालिक का अर्थ है शिव की जटाएँ।  इस क्षेत्र की समुन्दर तल से ऊंचाई 350 मीटर से 1500 मीटर के बीच है।  यहॉ पर औसतन बर्षा 1500 मिमी तक होती है।
प्राचीन काल में शिवालिक क्षेत्र को मानक पर्वत के नाम से जाना जाता था। इस भाग में काँगड़ा , हमीरपुर ,ऊना , बिलासपुर ,मंडी सोलन तथा सिरमौर के निचले भाग आते है। इस भाग में मक्की ,गेहूँ  , अदरक ,धान ,गना आदि फसले उगाई जाती है।  इस भाग में खैर , कचनार ,आम शीशम ,तूत , साल , बांस आदि के बृक्ष पाए जाते है।



2.मध्य पर्वत श्रेणी
                                  

इस पर्वत श्रेणी में सिरमौर की रेणुका , पच्छाद तहसीले , मंडी जिले की चच्योट ,करसोग तहसीलें ,चंबा जिले की चुराह  तहसील तथा काँगड़ा जिले के ऊपरी भाग पालमपुर तहसील शामिल है।  इस भाग की समुंद्रतल से ऊंचाई 1500 मीटर से 4500 मीटर के बीच है। इस भाग में अखरोट ,सेब ,देवदार आदि बृक्ष पाए  जाते है।
इस भाग में धौलाधार पर्वत श्रृंखला आती है।  इसे मौलाक पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।  इस श्रृंखला का कुछ हिसा मंडी तथा चंबा जिलों में भी पड़ता है।
पीर-पंजाल पर्वत श्रृंखला भी मध्य पर्वत श्रेणी  में आती है।  यह चम्बा जिले में पड़ती है।



3.उच्च पर्वत श्रेणी
                                    

इस भाग को वृहत हिमालय तथा अल्पाइन जोन के नाम से भी जाना जाता है।  इस भाग में  चम्बा की पांगी तहसील , लाहौल-स्पिति और किनोर जिले आते है।  इस भाग की समुंद्रतल से ऊंचाई 4500 मीटर से अधिक है।
इस भाग में जास्कर पर्वत श्रंखला आती है जो हिमाचल प्रदेश को तिब्बत से अलग करती है।  हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी शिल्ला जिसकी ऊंचाई  7025 मीटर है इसी पर्वत श्रृंखला में है। 

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