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18 June 2017

करंट अफेयर्स- 17 जून।

प्रिय पाठकों
HP Exams Adda में आपका स्वागत है।



1.आधार को लेकर केंद्र का बड़ा फैसला : हर खाते का आधार जरूरी

• सरकार ने बैंकों में खाते खोलने और 50000 रपए या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार कार्ड संख्या और पैन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य बना दिया है। आधार संख्या व्यक्ति की जैविक पहचान से भी जोड़ी गई है।


• राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार, सभी वर्तमान बैंक खाताधारकों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी आधार संख्या को 31 दिसम्बर, 2017 तक जमा करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उनके खाते क्रियाशील नहीं रहेंगे।
• सरकार ने 2017-18 के बजट में पहले ही आधार को स्थायी खाता संख्या (पैन) के साथ जोड़ने को आवश्यक बना दिया था, ताकि लोग कर से बचने के लिए एक से ज्यादा पैन कार्डों  का इस्तेमाल नहीं कर सकें।
• धन-शोधन रोधी (रिकार्ड का रखरखाव) रोकथाम नियमावली, 2005 को संशोधित कर जारी की गई अधिसूचना में व्यक्तियों, कंपनियों या भागदारी कंपनियों द्वारा 50000 रपए या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार के साथ पैन नंबर या फार्म नंबर 60 देना अनिवार्य बनाया गया है।
• सख्त नियम : नए नियमों के अनुसार, ऐसे खाते उसी शाखा में खोले जा सकते हैं जहां कर्मचारी उसकी निगरानी कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि विदेश से ऐसे खातों में भेजे न भेजे जाएं। उन खातों में महीने और साल में लेन-देन की निर्धारित सीमा का पालन हो तथा बैलेंस का उल्लंघन न हो।
• ऐसे खाते शुरू में 12 महीने तक चालू रहेंगे और उसके बाद यदि खाताधारक इस बात का सबूत देता है कि उसने आधिकारिक वैध सत्यापन दस्तावेज के लिए आवेदन किया है तब उसे और 12 महीने का वक्त दिया जा सकता है।

2. कहीं फंस न जाए एनपीए का मामला

• सरकार ने फंसे कर्ज यानी एनपीए के भयंकर दल-दल से सरकारी बैंकों को निकालने के लिए एक फॉमरूला तो निकाल लिया लेकिन इसकी राह की अड़चनें अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं।
• वित्त मंत्रलय और रिजर्व बैंक की तरफ से देश के एक दर्जन सबसे बड़े एनपीए खाताधारक कंपनियों का चयन किया गया है। लेकिन नये नियम के तहत इन कंपनियों की परिसंपत्तियों को जब्त करके इनसे कर्ज वसूल करने की प्रक्रिया एक नये कानूनी पचड़े में फंस सकती है क्योंकि इनमें से कुछ कंपनियों ने बैंकों को परोक्ष तौर पर बता दिया है कि वे मामले को कोर्ट में ले जाने पर विचार कर रही हैं।
• उधर, वित्त मंत्रलय के अधिकारियों ने बताया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भी दर्जन भर कंपनियों से कर्ज वसूली के मामले पर जानकारी मांगी गई है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अगले सोमवार 19 जून को पीएमओ में बैठक बुलाई गई है। इसमें वित्त मंत्रलय के दो अहम विभागों के सचिवों के अलावा आरबीआइ के उप गवर्नर भी शामिल होंगे।
• सूत्रों के मुताबिक आरबीआइ और वित्त मंत्रलय के बीच एनपीए कम करने के लिए पहली बार इस स्तर पर सामंजस्य के साथ काम हो रहा है। दोनों की तरफ से पीएम को बताया जाएगा कि किस तरह से नए नियम एक समयबद्ध सीमा के भीतर सरकारी बैंकों पर एनपीए के बोझ को कम कर सकते हैं।

3. कालेधन के मोर्चे पर मिली बड़ी कामयाबी

• स्विटजरलैंड ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तीय खातों, संदिग्ध कालेधन से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान की स्वचालित व्यवस्था का शुक्रवार को अनुमोदन कर दिया। इसके लिए इन देशों को गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कड़े नियमों का अनुपालन करना होगा।
•  कर संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) पर वैश्विक  संधि के अनुमोदन के प्रस्ताव पर स्विट्जरलैंड की परिष0 (मंत्रिमंडल) की मुहर लग गई है।
• स्विट्जरलैंड सरकार इस व्यवस्था को वर्ष 2018 से संबंधित सूचनाओं के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए आंकड़ों के आदन प्रदान की शुरुआत 2019 में होगी। स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था शुरू करने की तिथि की सूचना भारत को जल्द ही देगी।
• परिषद द्वारा इस संबंध में स्वीकृत प्रस्ताव के मसौदे के अनुसार इसके लिए वहां अब कोई जनमत संग्रह नहीं कराया जाना है। इससे इसके लागू किए जाने में विलंब की आशंका नहीं है।
• उल्लेखनीय है कि कालेधन का मुद्दा भारत में सार्वजनिक र्चचा का एक बड़ा विषय बना हुआ है तथा लंबे समय से एक धारणा है कि बहुत से भारतीयों ने अपनी काली कमाई स्विट्जरलैंड के गुप्त बैंक-खातों में छुपा रखी है।

4.जाधव मामला : आईसीजे ने भारत-पाक को दलीलें पूरी करने को कहा

• हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने भारत से कुलभूषण जाधव मामले में 13 सितम्बर तक दलीलें पूरी करने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने पाकिस्तान के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि मामले में और अधिक वक्त मांगने के उनके अनुरोध को नामंजूर कर दिया गया है।
• विदेश

मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि अदालत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी दलील 13 दिसम्बर तक पूरी कर ले। बागले से पाकिस्तान के इस दावे के बारे में पूछा गया कि भारत के और अधिक वक्त देने के अनुरोध को आईसीजे ने खारिज कर दिया है तो उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है क्योंकि भारत ने चार महीने मांगे थे और अदालत द्वारा सितम्बर की समय सीमा तय किए जाने के साथ उसे यह समय मिल गया है।
• बागले ने कहा कि भारत ने यह रुख अपनाया था कि मामला किसी के जीवन और मृत्यु का है, लेकिन पाकिस्तान ने कहा था कि आईसीजे अपील करने के लिए अदालत नहीं है। आईसीजे से इस बारे में परिणाम आने की अपेक्षा है कि जाधव को कंसुलर संपर्क मिल सकता है या नहीं जिसके लिए जवाब दाखिल करने के लिहाज से दो से तीन महीने की अवधि काफी है।
• उन्होंने कहा कि आईसीजे के पीठासीन अधिकारी रॉनी अब्राहम की दोनों देशों के प्रतिनिधियों के साथ आठ जून को हुई बैठकों में समय सीमा तय की गई थी।जब बागले से पूछा गया कि क्या दोनों देशों की दलीलें पूरी होने के बाद मामले में सुनवाई शुरू होगी तो उन्होंने कहा कि अदालत तय करेगी कि उसे और अधिक दलीलों की जरूरत है या नहीं और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी।
• इस मामले पर गत 18 मई को सुनवाई के दौरान आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान को जाधव को फांसी देने से रोक दिया था। 46 वर्षीय जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं जिन्हें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पाकिस्तान में जासूसी एवं आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के मामले में मौत की सजा सुनाई थी।

5. एनएसजी : भारत की राह में फिर रोड़ा बनेगा चीन

• चीन ने शुक्रवार को कहा कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों के परमाणु आपूत्तर्िकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश को लेकर उसके रुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
• चीन के इस बयान से भारत के 48 सदस्यीय एनएसजी में समूह की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में प्रवेश की संभावना को धक्का पहुंचा है।
• चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने संवाददाताओं से कहा, परमाणु आपूिर्तकर्ता समूह (एनएसजी) के मुद्दे पर मैं आपको बता सकता हूं कि एनएसजी में नए सदस्यों के प्रवेश पर चीन के रुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। लू ने यह टिप्पणी उन खबरों को लेकर पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए की कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में अस्ताना में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ हुई बैठक में एनएसजी में भारत के प्रवेश का मुद्दा उठाया था।
• खबरों के अनुसार एनएसजी की पूर्ण बैठक अगले सप्ताह स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में होनी है। यह मुद्दा भारत और चीन के साथ द्विपक्षीय बैठक में एक प्रमुख बाधा बन गया है।
• परमाणु व्यापार नियंत्रित करने वाले इस समूह (एनएसजी) में प्रवेश के लिए भारत की अर्जी के बाद चीन के सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान ने भी चीन के मौन समर्थन से अर्जी दे दी थी। भारत को अमेरिका और कई पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल है।
• भारत ने इसके साथ ही समूह के अधिकतर सदस्यों का समर्थन हासिल कर लिया है। चीन अपने इस रुख पर अड़ा हुआ है कि समूह के नए सदस्यों को एनपीटी पर हस्ताक्षर करना चाहिए।
• चीन ने ऐसा करके समूह में भारत का प्रवेश मुश्किल कर दिया है क्योंकि समूह आम सहमति के सिद्धांत से निर्देशित होता है। भारत ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

6. भारत की द. कोरिया के साथ संबंध मजबूत करने की कवायद

• भारत ने दक्षिण कोरियाई नेतृत्व के साथ संयुक्त आयोग की बैठक जल्द बुलाने की जोरदार वकालत की है। भारत की तरफ से यह कोशिश ऐसे समय में की गई है जब वह सोल के साथ अपने आर्थिक एवं रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने की कवायद में जुटा है ।
• वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात की और सहयोग के क्षेत्रों पर र्चचा की। यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में हुई इस मुलाकात में जेटली ने रक्षा उद्योग और बुनियादी संरचना में निवेश तथा विनिर्माण में साझेदारी के अपार अवसरों की गुंजाइश देखी।
• बयान के मुताबिक, जेटली ने द्विपक्षीय संयुक्त आयोग की बैठक जल्द आयोजित करने की वकालत की ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे ले जाया जा सके। मई 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोल यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने-अपने विदेश मंत्रियों की अगुवाई में संयुक्त आयोग की बैठक हर साल करने पर सहमित जताई थी ताकि विशेष रणनीतिक साझेदारी मजबूत हो सके।
•  वार्ता के दौरान जेटली ने भारत के इस संकल्प पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय मानसिकता वाला कोरिया एशिया एवं अन्य देशों के लिए अच्छा है।
• जेटली ने अपने कोरियाई समकक्षों के साथ हुई मुलाकातों के​ बारे में राष्ट्रपति को जानकारी दी। बयान में कहा गया, राष्ट्रपति मून ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री जेटली के नेतृत्व में भारत में साहसिक आर्थिक सुधारों की सराहना की और यकीन जताया कि भारत सही मायने में एक आर्थिक ताकत बनने की राह की ओर बढ़ रहा है।

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