1.भारत बनेगा एससीओ का सदस्य :शिखर सम्मेलन के लिए अस्ताना पहुंचे पीएम मोदी
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे।
• कजाकिस्तान की राजधानी में आयोजित इस सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को औपचारिक रूप से पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। वर्ष 2001 में इस संगठन की स्थापना के बाद पहली बार इसका विस्तार किया जा रहा है।
• चीनी प्रभुत्व वाले इस समूह में भारत के प्रवेश को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि ऐसी उम्मीद है कि इससे क्षेत्रीय भू-राजनीतिक और व्यापार वार्ताओं में समूह का महत्व बढ़ेगा तथा अखिल एशियाई समूह के रूप में इसका दायरा बढ़ेगा।
• विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के शामिल होने से समूह में चीन के व्यापक प्रभाव में कमी आ सकती है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को समूह के सम्मेलन को संबोधित करेंगे और उनके चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने की भी संभावना है। उनकी मुलाकात ऐसे समय होगी जब कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच के मतभेदों में वृद्धि हुई है।
• इन मुद्दों में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा और परमाणु आपूत्तर्िकर्ता समूह की सदस्यता का प्रयास शामिल हैं।अगर दोनों नेताओं की मुलाकात होती है तो यह पिछले महीने संपन्न चर्चित ‘‘‘‘बेल्ट एंड रोड फोरम’’ का भारत द्वारा बहिष्कार किए जाने के बाद उनकी यह पहली भेंट होगी।
• उस बैठक में विश्व के 29 नेताओं ने भाग लिया था। भारत ने 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा को लेकर अपनी चिंताओं को रेखांकित करने के लिए उस सम्मेलन में भाग नहीं लिया था। यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरती है।
• ऐसी अटकलें हैं कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच मुलाकात हो सकती है। हालांकि भारत का कहना है कि मोदी-शरीफ मुलाकात के लिए न तो पाकिस्तान की ओर से अनुरोध किया गया है और न ही भारत की ओर से।
• चीनी राष्ट्रपति बुधवार को यहां पहुंचे जबकि मोदी बृहस्पतिवार को पहुंचे। प्रधानमंत्री के कई विदेशी नेताओं से भी मिलने की संभावना है। इनमें कजाक राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरवायेव शामिल हैं।
• एससीओ के महासचिव राशिद अलीमोव ने कहा, भारत और पाकिस्तान के प्रवेश से मौजूदा चुनौतियों से निपटने तथा क्षेत्र में व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने में एससीओ के प्रभाव में वृद्धि होगी।
2. संबंधों के विस्तार पर मोदी ने कजाक राष्ट्रपति ने की बात
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कजाकिस्तान राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव से यहां मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर र्चचा की।
• दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचने के फौरन बाद उन्होंने नजरबायेव से मुलाकात की। यात्रा के दौरान वह शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे जहां भारत और पाकिस्तान को इसकी पूर्ण सदस्यता दी जाएगी।
• प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, कजाखिस्तान गणतंत्र के राष्ट्रपति श्रीमान नूरसुल्तान नजरबायेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के तरीकों पर र्चचा की। अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं एससीओ के साथ भारत के संबंध को और गहरा करने के लिए आगे देख रहा हूं जिससे हमें आर्थिक, संपर्क और आतंकवाद विरोधी सहयोग के साथ ही दूसरी चीजों में भी मदद मिलेगी।
• मैं एससीओ के साथ भारत के जुड़ाव को प्रगाढ़ करने के लिए उत्सुक हूं। इससे हमें आर्थिक क्षेत्र, संपर्क, आतंकवाद रोधी सहयोग और कई अन्य चीजों में सहयोग मिलेग।
• हमारी पूर्ण क्षमताओं को मूर्त रूप देने में हमारे सामने आ सकने वाली साझा चुनौतियों से निपटने के प्रयासों को दोगुना करने के लिए और लाभकारी जुड़ाव के लिए हम एकसाथ मिलकर नए अवसर पैदा करेंगे।
3. शंघाई सहयोग संगठन और भारत
• एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी। भारत, ईरान और पाकिस्तान को 2005 के अस्ताना सम्मेलन में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया था।
• 2010 में ताशकंद में संपन्न सम्मेलन में नई सदस्यता पर लगी रोक हटा ली गई थी। इससे समूह के विस्तार का रास्ता साफ हो गया था।
• कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का वार्षिक शिखर सम्मेलन उस वक्त हो रहा है जब ईरान, ब्रिटेन और अफगानिस्तान सहित अनेक देशों में भीषण आतंकी हमले हुए हैं। सम्मेलन में आतंकवाद पर कड़ाई से काबू पाने के तरीकों पर र्चचा हो सकती है।
• भारत का मानना है कि एससीओ सदस्य के तौर पर वह क्षेत्र में आतंकवाद के खतरों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।भारत की अ
हम भूमिका :दएससीओ सम्मेलन में पूर्ण कालिक सदस्यता मिलने के बाद आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई को अधिक प्रभावी बनाने तथा सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है।
• भारत और पाकिस्तान को औपचारिक तौर पर एससीओ के सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा।
• भारत विश्व में सर्वाधिक ऊर्जा खपत वाले देशों में शामिल है।
• एससीओ की सदस्यता मिलने के बाद उसे मध्य एशिया में प्रमुख गैस और तेल अन्वेषण परियोजनों तक पहुंच मिल सकती है।
• छह सदस्यीय इस संगठन के वर्तमान सदस्यों के पास तेल और प्राकृतिक गैस का प्रचुर भंडार है।
• पीएम मोदी का संबोधन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस शिखर सम्मेलन शुक्रवार को संबोधित करेंगे।
• संबोधन में वह आतंकवाद का मुद्दा और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बोल सकते हैं।
• एससीओ में भारत-पाक : बैठक के बाद प्रक्रि या पूर्ण हो जाने पर भारत एवं पाकिस्तान एससीओ का पूर्ण सदस्य बन जाएगा।
• भारत और पाकिस्तान का समूह में प्रवेश होने का अर्थ अन्य 1.45 अरब लोगों का इससे जुड़ना होगा। इससे समूह का दायरा वैश्विक आबादी के 40 प्रतिशत हिस्से तक पहुंच जाएगा।
4. ब्रिटेन में संसदीय चुनाव के लिए मतदान
• ब्रिटेन में बृहस्पतिवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कामंस के लिए मतदान हुआ जिसमें प्रधानमंत्री थेरेसा मे और विपक्ष के नेता जेर्मी कॉर्बिन के बीच बेहद कड़ा मुकाबला है।
• आतंकियों द्वारा किए गए दो आतंकी हमलों में 30 लोगों की मौत के बाद हो रहे आम चुनाव के लिए सुरक्षा के बेहद सख्त इंतजाम किए गए थे।देशभर में 40,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए। कुल 650 सांसद चुने जाएंगे।
• भारतीय मूल के 15 लाख मतदाताओं समेत करीब 4.6 करोड़ से ज्यादा मतदाता इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। हाउस ऑफ कामंस में बहुमत के लिए किसी पार्टी को कम से कम 326 सीटें जीतनीं जरूरी हैं। स्थानीय समय के मुताबिक रात 10 बजे (भारतीय समयानुसार शुक्रवार तड़के ढाई बजे) मतदान खत्म हुआ।थेरेसा (60) ने निर्धारित समय से तीन साल पहले ही चुनावों का आह्वान कर दिया था।
• उन्होंने 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने से जुड़ी पेचीदा बातचीत से पहले ही इन चुनावों को करवा लिया है। ब्रिटेन में पिछली बार 2015 में आमचुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने 331 सांसदों के साथ कंजरवेटिव पार्टी के लिए बहुमत हासिल किया था।
• इसके बाद जून 2016 में यूरोपीय संघ में ब्रिटेन की सदस्यता के लिए हुए जनमत संग्रह कराया गया जिसमें ब्रिटेन ने अलग होने का फैसला किया।ब्रेग्जिट की वजह से कैमरून ने पिछले साल इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद कंजरवेटिव पार्टी ने मे का चयन अपने नेता के तौर पर किया था।
5. जीएसटीएन की होगी हाईटेक सुरक्षा
• जीएसटी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटीएन हाईटेक सुरक्षा निगरानी और विश्लेषण केंद्र स्थापित करेगी। यह केंद्र साइबर खतरा के बारे में पूर्व चेतावनी देगा और हर महीने 300 करोड़ इनवायस का रखरखाव करने वाली आईटी पण्राली के लिए खतरे की पूर्व चेतावनी देगा और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
• एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।जीएसटीएन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रकाश कुमार ने यहां कहा कि जीएसटीएन ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत आंकड़ों की सुरक्षा का आश्वासन देने के बाद अब वह अपने साफ्टवेयर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाया है। इस सुरक्षा का आडिट सरकार की आईटी प्रमाणन इकाई एसटीक्यूसी ने किया है।
• उन्होंने कहा कि अगले महीने से जीएसटी के क्रि यान्वयन के साथ जीएसटीएन ने रैंसमवायर के हमले की आशंका को गंभीरता से लिया है और साइबर सुरक्षा इकाई स्थापित करने का निर्णय किया है।हालांकि जीएसटीएन को अब तक गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी नहीं मिली है।
• कुमार ने कहा कि इंफोसिस द्वारा तैयार किया जा रहा सिक्योरिटी आपरेशन सेंटर के अलावा मौजूदा सुरक्षा पर नजर रखने के लिए सिक्योरिटी मैनेजमेंट एंड एनालिटिक्स सेंटर (एसएमएसी) काम कर रहा है। जीएसटीएन एक गैर-सरकारी निजी लिमिटेड कंपनी है।
• इसका गठन 28 मार्च 2013 को हुआ। भारत सरकार की इसमें 24.5 प्रतिशत तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली समेत सभी राज्यों तथा राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
• शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी गैर-सरकारी वित्तीय संस्थान एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एनएसई स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट कंपनी तथा एलआईसी हाउसिंगा फाइनेंस लि. की है।
• साइबर खतरों की पूर्व चेतावनी देगा निगरानी केंद्र
• निगरानी के साथ ही पूरी पण्राली की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा केंद्र
• हर माह 300 करोड़ इनवायस की सुनिश्चित हो सकेगी सुरक्षा
• सरकार की आईटी प्रमाणन इकाई एसटीक्यूसी ने किया है इस सुरक्षा का आडिट
• हैक
र के हमले की चेतावनी को गंभीरता से ले रही है जीएसटीएन
6. 60 दिन में मंजूर होगा एफडीआई प्रस्ताव : पिछले महीने भंग हुआ एफआईपीबी, अब मंत्रालय ही करेंगे इनपर विचार
• विदेशी निवेश प्रस्तावों पर विचार के लिए वाणिज्य मंत्रालय 10 दिनों में मानक दिशानिर्देश जारी कर देगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका ड्राफ्ट सभी विभागों को भेजा गया है। हाल तक एफआईपीबी ऐसे प्रस्तावों पर फैसला करता था, जिसे पिछले महीने भंग कर दिया गया।
• अधिकारी ने बताया कि नए नियमों में टिप्पणी भेजने से लेकर सुरक्षा क्लियरेंस तक, सबकी समय सीमा तय की गई है। आवेदन के 60 दिनों में प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी।
• ज्यादातर सेक्टर के एफडीआई प्रपोजल पर संबंधित मंत्रालय ही विचार करेंगे। प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों के निवेश प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय फैसला लेगा।
• वित्तीय सेवा के प्रस्ताव पर आर्थिक मामलों का विभाग विचार करेगा। यह उन मामलों में लागू होगा जो किसी रेगुलेटर के दायरे से बाहर हैं, या एक से ज्यादा रेगुलेटर के दायरे में आते हैं।
• जिन वित्तीय सेवा मामलों में रेगुलेटर को लेकर संदेह होगा, उन पर भी आर्थिक मामलों का विभाग विचार करेगा। बैंकों में निवेश पर फैसला वित्तीय सेवा विभाग लेगा।
• लंबित प्रस्तावों पर विचार के लिए एक कमेटी होगी। इसकी बैठक हर तिमाही होगी। अभी 91-95% एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से आता है। रक्षा और रिटेल समेत सिर्फ 11 सेक्टर बच गए हैं, जिनमें एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है।
• एफडीआई के लिहाज से भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सबसे पसंदीदा देश बना हुआ है। खासकर विलय-अधिग्रहण के मामले में। विदेशी कंपनियां विलय-अधिग्रहण के जरिए ही भारतीय बाजार में तेजी से विस्तार की रणनीति पर काम कर रही हैं।
• संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंकटाड ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। हालांकि इसने टैक्स नियमों को लेकर चिंता भी जताई है। इसने कहा है कि टैक्स नियमों की वजह से कुछ विदेशी निवेशक भारत में पैसे लगाने से कतरा सकते हैं। मॉरिशस के साथ टैक्स संधि में मई 2016 में संशोधन हुआ था। इससे राउंड ट्रिपिंग कम होने की उम्मीद है।
• कालाधन विदेश भेजकर उसे 'सफेद' के रूप में वापस लाने को राउंड ट्रिपिंग कहते हैं। इसके मुताबिक पिछले साल एफडीआई प्रवाह एक फीसदी बढ़कर 44 अरब डॉलर रहा। पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में 2016 में 6% ज्यादा, 54 अरब डॉलर एफडीआई आया। हालांकि विकासशील एशियाई देशों में एफडीआई में 15% गिरावट आई। इन देशों में 443 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ।
• पाकिस्तान में एफडीआई 56% बढ़ा, लेकिन इसकी वजह 'वन बेल्ट वन रोड' प्रोजेक्ट में चीन का निवेश है। चीन पहली बार दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवेशक बना।2016 में यहां की कंपनियों ने दूसरे देशों में 183 अरब डॉलर निवेश किए। यह एक साल पहले की तुलना में 44% ज्यादा है।
7. नासा में 12 नए अंतरिक्ष यात्रियों में एक भारतीय-अमेरिकी शामिल
• नासा ने रिकॉर्ड 18,000 से ज्यादा आवेदकों में से एक भारतीय-अमेरिकी सहित 12 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है जिन्हें पृवी की कक्षा और सुदूर अंतरिक्ष में अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस समूह में सात पुरु ष और पांच महिलाएं हैं।
• नासा का यह पिछले दो दशकों में सबसे बड़ा चयनित समूह है। इन लोगों को चयन रिकॉर्ड 18,300 आवेदकों में से किया गया है। नासा को किसी खुले अंतरिक्ष यात्री निमंतण्रके दौरान पहले कभी इतने आवेदन नहीं मिले।
• अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुने जाने के लिए उम्मीदवारों को कुछ शारीरिक अनिवार्यताओं के साथ ही शिक्षा और अनुभव संबंधी मापदंडों को पूरा करना था जैसे कि उनके पास विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) में स्नातक की डिग्री या जेट विमान को उड़ाने का 1,000 घंटों का अनुभव होना चाहिए।
• चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों को दो साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मिशन के दौरान अनुसंधान का काम सौंपा जा सकता है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे।
• कजाकिस्तान की राजधानी में आयोजित इस सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को औपचारिक रूप से पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। वर्ष 2001 में इस संगठन की स्थापना के बाद पहली बार इसका विस्तार किया जा रहा है।
• चीनी प्रभुत्व वाले इस समूह में भारत के प्रवेश को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि ऐसी उम्मीद है कि इससे क्षेत्रीय भू-राजनीतिक और व्यापार वार्ताओं में समूह का महत्व बढ़ेगा तथा अखिल एशियाई समूह के रूप में इसका दायरा बढ़ेगा।
• विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के शामिल होने से समूह में चीन के व्यापक प्रभाव में कमी आ सकती है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को समूह के सम्मेलन को संबोधित करेंगे और उनके चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने की भी संभावना है। उनकी मुलाकात ऐसे समय होगी जब कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच के मतभेदों में वृद्धि हुई है।
• इन मुद्दों में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा और परमाणु आपूत्तर्िकर्ता समूह की सदस्यता का प्रयास शामिल हैं।अगर दोनों नेताओं की मुलाकात होती है तो यह पिछले महीने संपन्न चर्चित ‘‘‘‘बेल्ट एंड रोड फोरम’’ का भारत द्वारा बहिष्कार किए जाने के बाद उनकी यह पहली भेंट होगी।
• उस बैठक में विश्व के 29 नेताओं ने भाग लिया था। भारत ने 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा को लेकर अपनी चिंताओं को रेखांकित करने के लिए उस सम्मेलन में भाग नहीं लिया था। यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरती है।
• ऐसी अटकलें हैं कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच मुलाकात हो सकती है। हालांकि भारत का कहना है कि मोदी-शरीफ मुलाकात के लिए न तो पाकिस्तान की ओर से अनुरोध किया गया है और न ही भारत की ओर से।
• चीनी राष्ट्रपति बुधवार को यहां पहुंचे जबकि मोदी बृहस्पतिवार को पहुंचे। प्रधानमंत्री के कई विदेशी नेताओं से भी मिलने की संभावना है। इनमें कजाक राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरवायेव शामिल हैं।
• एससीओ के महासचिव राशिद अलीमोव ने कहा, भारत और पाकिस्तान के प्रवेश से मौजूदा चुनौतियों से निपटने तथा क्षेत्र में व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने में एससीओ के प्रभाव में वृद्धि होगी।
2. संबंधों के विस्तार पर मोदी ने कजाक राष्ट्रपति ने की बात
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कजाकिस्तान राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव से यहां मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर र्चचा की।
• दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचने के फौरन बाद उन्होंने नजरबायेव से मुलाकात की। यात्रा के दौरान वह शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे जहां भारत और पाकिस्तान को इसकी पूर्ण सदस्यता दी जाएगी।
• प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, कजाखिस्तान गणतंत्र के राष्ट्रपति श्रीमान नूरसुल्तान नजरबायेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के तरीकों पर र्चचा की। अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं एससीओ के साथ भारत के संबंध को और गहरा करने के लिए आगे देख रहा हूं जिससे हमें आर्थिक, संपर्क और आतंकवाद विरोधी सहयोग के साथ ही दूसरी चीजों में भी मदद मिलेगी।
• मैं एससीओ के साथ भारत के जुड़ाव को प्रगाढ़ करने के लिए उत्सुक हूं। इससे हमें आर्थिक क्षेत्र, संपर्क, आतंकवाद रोधी सहयोग और कई अन्य चीजों में सहयोग मिलेग।
• हमारी पूर्ण क्षमताओं को मूर्त रूप देने में हमारे सामने आ सकने वाली साझा चुनौतियों से निपटने के प्रयासों को दोगुना करने के लिए और लाभकारी जुड़ाव के लिए हम एकसाथ मिलकर नए अवसर पैदा करेंगे।
3. शंघाई सहयोग संगठन और भारत
• एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी। भारत, ईरान और पाकिस्तान को 2005 के अस्ताना सम्मेलन में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया था।
• 2010 में ताशकंद में संपन्न सम्मेलन में नई सदस्यता पर लगी रोक हटा ली गई थी। इससे समूह के विस्तार का रास्ता साफ हो गया था।
• कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का वार्षिक शिखर सम्मेलन उस वक्त हो रहा है जब ईरान, ब्रिटेन और अफगानिस्तान सहित अनेक देशों में भीषण आतंकी हमले हुए हैं। सम्मेलन में आतंकवाद पर कड़ाई से काबू पाने के तरीकों पर र्चचा हो सकती है।
• भारत का मानना है कि एससीओ सदस्य के तौर पर वह क्षेत्र में आतंकवाद के खतरों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।भारत की अ
हम भूमिका :दएससीओ सम्मेलन में पूर्ण कालिक सदस्यता मिलने के बाद आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई को अधिक प्रभावी बनाने तथा सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है।
• भारत और पाकिस्तान को औपचारिक तौर पर एससीओ के सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा।
• भारत विश्व में सर्वाधिक ऊर्जा खपत वाले देशों में शामिल है।
• एससीओ की सदस्यता मिलने के बाद उसे मध्य एशिया में प्रमुख गैस और तेल अन्वेषण परियोजनों तक पहुंच मिल सकती है।
• छह सदस्यीय इस संगठन के वर्तमान सदस्यों के पास तेल और प्राकृतिक गैस का प्रचुर भंडार है।
• पीएम मोदी का संबोधन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस शिखर सम्मेलन शुक्रवार को संबोधित करेंगे।
• संबोधन में वह आतंकवाद का मुद्दा और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बोल सकते हैं।
• एससीओ में भारत-पाक : बैठक के बाद प्रक्रि या पूर्ण हो जाने पर भारत एवं पाकिस्तान एससीओ का पूर्ण सदस्य बन जाएगा।
• भारत और पाकिस्तान का समूह में प्रवेश होने का अर्थ अन्य 1.45 अरब लोगों का इससे जुड़ना होगा। इससे समूह का दायरा वैश्विक आबादी के 40 प्रतिशत हिस्से तक पहुंच जाएगा।
4. ब्रिटेन में संसदीय चुनाव के लिए मतदान
• ब्रिटेन में बृहस्पतिवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कामंस के लिए मतदान हुआ जिसमें प्रधानमंत्री थेरेसा मे और विपक्ष के नेता जेर्मी कॉर्बिन के बीच बेहद कड़ा मुकाबला है।
• आतंकियों द्वारा किए गए दो आतंकी हमलों में 30 लोगों की मौत के बाद हो रहे आम चुनाव के लिए सुरक्षा के बेहद सख्त इंतजाम किए गए थे।देशभर में 40,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए। कुल 650 सांसद चुने जाएंगे।
• भारतीय मूल के 15 लाख मतदाताओं समेत करीब 4.6 करोड़ से ज्यादा मतदाता इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। हाउस ऑफ कामंस में बहुमत के लिए किसी पार्टी को कम से कम 326 सीटें जीतनीं जरूरी हैं। स्थानीय समय के मुताबिक रात 10 बजे (भारतीय समयानुसार शुक्रवार तड़के ढाई बजे) मतदान खत्म हुआ।थेरेसा (60) ने निर्धारित समय से तीन साल पहले ही चुनावों का आह्वान कर दिया था।
• उन्होंने 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने से जुड़ी पेचीदा बातचीत से पहले ही इन चुनावों को करवा लिया है। ब्रिटेन में पिछली बार 2015 में आमचुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने 331 सांसदों के साथ कंजरवेटिव पार्टी के लिए बहुमत हासिल किया था।
• इसके बाद जून 2016 में यूरोपीय संघ में ब्रिटेन की सदस्यता के लिए हुए जनमत संग्रह कराया गया जिसमें ब्रिटेन ने अलग होने का फैसला किया।ब्रेग्जिट की वजह से कैमरून ने पिछले साल इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद कंजरवेटिव पार्टी ने मे का चयन अपने नेता के तौर पर किया था।
5. जीएसटीएन की होगी हाईटेक सुरक्षा
• जीएसटी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटीएन हाईटेक सुरक्षा निगरानी और विश्लेषण केंद्र स्थापित करेगी। यह केंद्र साइबर खतरा के बारे में पूर्व चेतावनी देगा और हर महीने 300 करोड़ इनवायस का रखरखाव करने वाली आईटी पण्राली के लिए खतरे की पूर्व चेतावनी देगा और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
• एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।जीएसटीएन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रकाश कुमार ने यहां कहा कि जीएसटीएन ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत आंकड़ों की सुरक्षा का आश्वासन देने के बाद अब वह अपने साफ्टवेयर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाया है। इस सुरक्षा का आडिट सरकार की आईटी प्रमाणन इकाई एसटीक्यूसी ने किया है।
• उन्होंने कहा कि अगले महीने से जीएसटी के क्रि यान्वयन के साथ जीएसटीएन ने रैंसमवायर के हमले की आशंका को गंभीरता से लिया है और साइबर सुरक्षा इकाई स्थापित करने का निर्णय किया है।हालांकि जीएसटीएन को अब तक गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी नहीं मिली है।
• कुमार ने कहा कि इंफोसिस द्वारा तैयार किया जा रहा सिक्योरिटी आपरेशन सेंटर के अलावा मौजूदा सुरक्षा पर नजर रखने के लिए सिक्योरिटी मैनेजमेंट एंड एनालिटिक्स सेंटर (एसएमएसी) काम कर रहा है। जीएसटीएन एक गैर-सरकारी निजी लिमिटेड कंपनी है।
• इसका गठन 28 मार्च 2013 को हुआ। भारत सरकार की इसमें 24.5 प्रतिशत तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली समेत सभी राज्यों तथा राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
• शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी गैर-सरकारी वित्तीय संस्थान एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एनएसई स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट कंपनी तथा एलआईसी हाउसिंगा फाइनेंस लि. की है।
• साइबर खतरों की पूर्व चेतावनी देगा निगरानी केंद्र
• निगरानी के साथ ही पूरी पण्राली की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा केंद्र
• हर माह 300 करोड़ इनवायस की सुनिश्चित हो सकेगी सुरक्षा
• सरकार की आईटी प्रमाणन इकाई एसटीक्यूसी ने किया है इस सुरक्षा का आडिट
• हैक
र के हमले की चेतावनी को गंभीरता से ले रही है जीएसटीएन
6. 60 दिन में मंजूर होगा एफडीआई प्रस्ताव : पिछले महीने भंग हुआ एफआईपीबी, अब मंत्रालय ही करेंगे इनपर विचार
• विदेशी निवेश प्रस्तावों पर विचार के लिए वाणिज्य मंत्रालय 10 दिनों में मानक दिशानिर्देश जारी कर देगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका ड्राफ्ट सभी विभागों को भेजा गया है। हाल तक एफआईपीबी ऐसे प्रस्तावों पर फैसला करता था, जिसे पिछले महीने भंग कर दिया गया।
• अधिकारी ने बताया कि नए नियमों में टिप्पणी भेजने से लेकर सुरक्षा क्लियरेंस तक, सबकी समय सीमा तय की गई है। आवेदन के 60 दिनों में प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी।
• ज्यादातर सेक्टर के एफडीआई प्रपोजल पर संबंधित मंत्रालय ही विचार करेंगे। प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों के निवेश प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय फैसला लेगा।
• वित्तीय सेवा के प्रस्ताव पर आर्थिक मामलों का विभाग विचार करेगा। यह उन मामलों में लागू होगा जो किसी रेगुलेटर के दायरे से बाहर हैं, या एक से ज्यादा रेगुलेटर के दायरे में आते हैं।
• जिन वित्तीय सेवा मामलों में रेगुलेटर को लेकर संदेह होगा, उन पर भी आर्थिक मामलों का विभाग विचार करेगा। बैंकों में निवेश पर फैसला वित्तीय सेवा विभाग लेगा।
• लंबित प्रस्तावों पर विचार के लिए एक कमेटी होगी। इसकी बैठक हर तिमाही होगी। अभी 91-95% एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से आता है। रक्षा और रिटेल समेत सिर्फ 11 सेक्टर बच गए हैं, जिनमें एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है।
• एफडीआई के लिहाज से भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सबसे पसंदीदा देश बना हुआ है। खासकर विलय-अधिग्रहण के मामले में। विदेशी कंपनियां विलय-अधिग्रहण के जरिए ही भारतीय बाजार में तेजी से विस्तार की रणनीति पर काम कर रही हैं।
• संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंकटाड ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। हालांकि इसने टैक्स नियमों को लेकर चिंता भी जताई है। इसने कहा है कि टैक्स नियमों की वजह से कुछ विदेशी निवेशक भारत में पैसे लगाने से कतरा सकते हैं। मॉरिशस के साथ टैक्स संधि में मई 2016 में संशोधन हुआ था। इससे राउंड ट्रिपिंग कम होने की उम्मीद है।
• कालाधन विदेश भेजकर उसे 'सफेद' के रूप में वापस लाने को राउंड ट्रिपिंग कहते हैं। इसके मुताबिक पिछले साल एफडीआई प्रवाह एक फीसदी बढ़कर 44 अरब डॉलर रहा। पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में 2016 में 6% ज्यादा, 54 अरब डॉलर एफडीआई आया। हालांकि विकासशील एशियाई देशों में एफडीआई में 15% गिरावट आई। इन देशों में 443 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ।
• पाकिस्तान में एफडीआई 56% बढ़ा, लेकिन इसकी वजह 'वन बेल्ट वन रोड' प्रोजेक्ट में चीन का निवेश है। चीन पहली बार दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवेशक बना।2016 में यहां की कंपनियों ने दूसरे देशों में 183 अरब डॉलर निवेश किए। यह एक साल पहले की तुलना में 44% ज्यादा है।
7. नासा में 12 नए अंतरिक्ष यात्रियों में एक भारतीय-अमेरिकी शामिल
• नासा ने रिकॉर्ड 18,000 से ज्यादा आवेदकों में से एक भारतीय-अमेरिकी सहित 12 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है जिन्हें पृवी की कक्षा और सुदूर अंतरिक्ष में अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस समूह में सात पुरु ष और पांच महिलाएं हैं।
• नासा का यह पिछले दो दशकों में सबसे बड़ा चयनित समूह है। इन लोगों को चयन रिकॉर्ड 18,300 आवेदकों में से किया गया है। नासा को किसी खुले अंतरिक्ष यात्री निमंतण्रके दौरान पहले कभी इतने आवेदन नहीं मिले।
• अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुने जाने के लिए उम्मीदवारों को कुछ शारीरिक अनिवार्यताओं के साथ ही शिक्षा और अनुभव संबंधी मापदंडों को पूरा करना था जैसे कि उनके पास विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) में स्नातक की डिग्री या जेट विमान को उड़ाने का 1,000 घंटों का अनुभव होना चाहिए।
• चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों को दो साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मिशन के दौरान अनुसंधान का काम सौंपा जा सकता है।
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