हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा एमडी कार्डियोलॉजी के लिए आगामी 16 जुलाई को प्रस्तावित काउंसिलिंग पर
फिलहाल रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के सचिव (स्वास्थ्य), विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, आईजीएमसी के
रजिस्ट्रार से जवाब तलब किया है।
इस मामले पर सुनवाई आगामी 18 जुलाई के लिए निर्धारित की है। डाक्टर सचिन सोंधी द्वारा
दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश न्यायमूर्ति धर्म चंद चौधरी और न्यायमूर्ति चंद्र भूषण बरोवालिया की खंडपीठ
ने पारित किए। आईजीएमसी में कार्यरत सीनियर रेजिडेंट डाक्टर (मेडिसिन) सचिन सोंधी ने याचिका में आरोप लगाया है कि दाखिले
के लिए विवि प्रशाशन द्वारा तैयार की गई ‘आंसर की’ में तीन प्रश्नों के जवाब गलत हैं, जिस पर विवि ने ये तीनों प्रश्न ‘डिलीट’
करने के निर्णय लिया, जो कि अपने आप में गलत है। विवि द्वारा दिए गए सिलेबस के अनुसार प्रार्थी ने उक्त विवादित प्रश्नों के
सही उत्तर दिए हैं, इसलिए मैरिट सूची तैयार करते समय प्रार्थी को इनके अंक दिए जाने चाहिए। अदालत ने प्रार्थी पक्ष की दलीलें
फिलहाल रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के सचिव (स्वास्थ्य), विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, आईजीएमसी के
रजिस्ट्रार से जवाब तलब किया है।
इस मामले पर सुनवाई आगामी 18 जुलाई के लिए निर्धारित की है। डाक्टर सचिन सोंधी द्वारा
दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश न्यायमूर्ति धर्म चंद चौधरी और न्यायमूर्ति चंद्र भूषण बरोवालिया की खंडपीठ
ने पारित किए। आईजीएमसी में कार्यरत सीनियर रेजिडेंट डाक्टर (मेडिसिन) सचिन सोंधी ने याचिका में आरोप लगाया है कि दाखिले
के लिए विवि प्रशाशन द्वारा तैयार की गई ‘आंसर की’ में तीन प्रश्नों के जवाब गलत हैं, जिस पर विवि ने ये तीनों प्रश्न ‘डिलीट’
करने के निर्णय लिया, जो कि अपने आप में गलत है। विवि द्वारा दिए गए सिलेबस के अनुसार प्रार्थी ने उक्त विवादित प्रश्नों के
सही उत्तर दिए हैं, इसलिए मैरिट सूची तैयार करते समय प्रार्थी को इनके अंक दिए जाने चाहिए। अदालत ने प्रार्थी पक्ष की दलीलें
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