शिमला — प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली सहायिकाओं के लिए खुशखबरी है। केंद्रों में काम करने वाली
सहायिकाएं अब अनुभव के साथ-साथ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भी पदोन्नति पा सकेंगी। सरकार की ओर से इससे
सहायिकाओं के पदोन्नति नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत सहायिकाओं की पदोन्नति के लिए अब शैक्षणिक
योग्यता भी काउंट की जाएगी। संशोधन के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली सहायिकाएं शैक्षणिक योग्यता के
आधार पर निर्धारित समय पर पदोन्नति होंगी। इसमें स्नातक स्तर योग्यता वाली सहायिकाओं को पांच साल के बाद
पदोन्नति मिलेगी। इसके अलावा 12वीं की योग्यता रखने वाली सहायिकाओं को आठ साल और दसवीं पास को दस साल
के अनुभव के बाद पदोन्नत किया जाएगा। आंगनबाड़ी में कई ऐसी सहायिकाएं हैं, जो एमए पास भी हैं। पहले आंगनबाड़ी
केंद्रों में सहायिकाओं के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पांचवीं रखी जाती थी, लेकिन कुछ समय पहले यह शैक्षणिक
योग्यता दसवीं कर दी गई है। प्रदेश मे करीब 18 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं और हर केंद्र में एक सहायिका और एक
कार्यकर्ता है। वहीं सहायिकाओें की पदोन्नति में एक बड़ा पेंच यह भी है कि पदोन्नति तभी मिलेगी, अगर किसी केंद्र में
कार्यकर्ता का पद पदोन्नति या किसी अन्य कारण से खाली पड़ा है।
तीन हजार रुपए मिलेगा रूम रेंट
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों के कमरों के लिए मिलने वाला रूम रेंट भी इस माह से बढ़ा
दिया गया है। पहले केंद्रों को रूम रेंट के तौर पर 750 रुपए मिलते थे, लेकिन इस बार किराए के भवनों में चलने वाले केंद्रों
को तीन हजार रुपए जारी किए गए हैं।
सहायिकाएं अब अनुभव के साथ-साथ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भी पदोन्नति पा सकेंगी। सरकार की ओर से इससे
सहायिकाओं के पदोन्नति नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत सहायिकाओं की पदोन्नति के लिए अब शैक्षणिक
योग्यता भी काउंट की जाएगी। संशोधन के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली सहायिकाएं शैक्षणिक योग्यता के
आधार पर निर्धारित समय पर पदोन्नति होंगी। इसमें स्नातक स्तर योग्यता वाली सहायिकाओं को पांच साल के बाद
पदोन्नति मिलेगी। इसके अलावा 12वीं की योग्यता रखने वाली सहायिकाओं को आठ साल और दसवीं पास को दस साल
के अनुभव के बाद पदोन्नत किया जाएगा। आंगनबाड़ी में कई ऐसी सहायिकाएं हैं, जो एमए पास भी हैं। पहले आंगनबाड़ी
केंद्रों में सहायिकाओं के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पांचवीं रखी जाती थी, लेकिन कुछ समय पहले यह शैक्षणिक
योग्यता दसवीं कर दी गई है। प्रदेश मे करीब 18 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं और हर केंद्र में एक सहायिका और एक
कार्यकर्ता है। वहीं सहायिकाओें की पदोन्नति में एक बड़ा पेंच यह भी है कि पदोन्नति तभी मिलेगी, अगर किसी केंद्र में
कार्यकर्ता का पद पदोन्नति या किसी अन्य कारण से खाली पड़ा है।
तीन हजार रुपए मिलेगा रूम रेंट
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों के कमरों के लिए मिलने वाला रूम रेंट भी इस माह से बढ़ा
दिया गया है। पहले केंद्रों को रूम रेंट के तौर पर 750 रुपए मिलते थे, लेकिन इस बार किराए के भवनों में चलने वाले केंद्रों
को तीन हजार रुपए जारी किए गए हैं।
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