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24 May 2016

सरकार को नहीं मिल रहे फौजी कैंडीडेट।

सरकार को नहीं मिल रहे फौजी कैंडीडेट
हमीरपुर — फौजी कैंडीडेट्स न मिलने से हिमाचल सरकार के दफ्तर खाली पड़ जाएंगे। सरकार ने पूर्व सैनिक निदेशालय को जूनियर आफिस असिस्टेंट (जेओए) की भर्ती का जिम्मा सौंपा है।
फरवरी में आरंभ हुई इसकी भर्ती के उम्मीदवार न मिलने से 80 फीसदी पद खाली रह गए हैं। लिहाजा सरकारी भर्तियों में 15 प्रतिशत का कोटा ले रहे पूर्व सैनिकों का यह मसला सरकार के लिए गंभीर बन गया है। पूर्व निदेशालय हमीरपुर ने कनिष्ठ कार्यालय सहायक के 207 पदों की भर्ती प्रक्रिया फरवरी माह में आरंभ की थी। इसमें प्रदेश भर के सवा लाख पूर्व सैनिकों में से मात्र 467 ने आवेदन किया था। अहम है कि शैक्षणिक योग्यता दस जमा दो तथा एक साल का कम्प्यूटर डिप्लोमा न होने के चलते इसमें आधे से ज्यादा अपात्र घोषित हो गए। पात्र उम्मीदवार 179 का पूर्व सैनिक निदेशालय ने टाइपिंग टेस्ट लिया। इसमें 75 ही उत्तीर्ण हो पाए। इसके बाद साक्षात्कार के दौरान पाया गया कि इनमें 35 उम्मीदवारों का कम्प्यूटर डिप्लोमा मान्यता प्राप्त संस्थानों का नहीं है। लिहाजा कड़ी मशक्कत के बाद 207 पदों के विरुद्ध सिर्फ 40 सीटें ही भरी गईं। बताते चलें कि पूर्व सैनिकों के कोटे के 15 प्रतिशत क्लर्क की सीटें भरने का जिम्मा सरकार ने पूर्व सैनिक निदेशालय हमीरपुर को सौंपा है। इस कड़ी में पूर्व निदेशालय को प्रदेश भर से उम्मीदवार फौजी नहीं मिल रहे हैं। इस भर्ती के लिए पूर्व सैनिकों के लिए जमा दो की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई है। इसके अलावा आईटीआई तथा सरकारी संस्थान से एक साल का कम्प्यूटर का डिप्लोमा होना आवश्यक है। उम्मीदवार को हिंदी तथा अंग्रेजी में टाइपिंग में महारत हासिल होनी चाहिए। हिंदी में प्रति मिनट 30 तथा अंग्रेजी में 20 शब्द टाइप करने वाले पूर्व सैनिक इस भर्ती के लिए योग्य करार दिए जाते हैं। बहरहाल इस आसान भर्ती के लिए भी हिमाचल में पात्र फौजी नहीं मिल रहे हैं। इसके चलते अब पूर्व सैनिक निदेशालय ने सेना से रिटायर आ रहे फौजियों को सूचित करना आरंभ कर दिया है कि इस क्लर्क भर्ती के लिए अभी से तैयारियों में जुट जाएं।

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